Amit Shah का वीर सावरकर का बचाव, कांग्रेस पर कड़ा हमला और इंदिरा गांधी के शब्दों का हवाला
केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने 17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी के वीर सावरकर पर की गई टिप्पणियों का कड़ा जवाब दिया। Amit Shah ने सावरकर के योगदान और उनके जीवन की बहादुरी को रेखांकित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। Amit Shah ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी सावरकर की महानता को स्वीकार किया था, और वह कांग्रेस से आग्रह करते हुए कहे कि भाजपा की बात नहीं तो कम से कम इंदिरा गांधी की बात सुनें।
राहुल गांधी पर Amit Shah का हमला
17 दिसंबर को राज्यसभा में Amit Shah ने वीर सावरकर के बारे में राहुल गांधी के बयानों का जवाब दिया। राहुल गांधी ने 14 दिसंबर को लोकसभा में बयान दिया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जब भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) संविधान का बचाव करती है, तो वह वीर सावरकर को बदनाम कर रही होती है। गांधी ने यह भी कहा था कि सावरकर का नाम लेकर भाजपा उनकी छवि को नष्ट कर रही है।
Amit Shah ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा, “1857 से 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर के अलावा किसी और को एक ही जीवनकाल में दो आजीवन कारावास की सजा नहीं दी गई।” शाह ने सावरकर के संघर्ष को याद करते हुए कहा, “अगर किसी में देश की आजादी के लिए समुद्र में कूदने का साहस था तो वह वीर सावरकर थे। वह वह व्यक्ति थे जिन्होंने अपने जीवन के सबसे कठिन समय में भी देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया।”
Amit Shah ने सावरकर की जेल यात्रा की ओर इशारा करते हुए कहा, “एक ही जेल में दो भाइयों ने काला पानी की सजा काटी और 10 साल तक दोनों एक-दूसरे से मिले भी नहीं। ऐसे परिवार की बहादुरी पूरे देश में कहीं और नहीं दिखती।” शाह ने सावरकर के बलिदान को न केवल कागजों में, बल्कि उनके जीवन में भी अमर बताया।
देशभक्ति और विचारधारा पर सवाल
Amit Shah ने आगे सवाल किया कि क्या देशभक्ति और बलिदान को किसी एक विचारधारा या धर्म से जोड़ा जा सकता है? उन्होंने पूछा कि क्या यह सही है कि देश के लिए दिए गए बलिदान को किसी खास विचारधारा या धर्म से जोड़ा जाए, जबकि देश की स्वतंत्रता संग्राम की यात्रा में अनेक विचारधाराओं और धर्मों के लोग शामिल थे। यह सवाल शाह ने कांग्रेस और उसके नेताओं के नकारात्मक रुख पर उठाया था, जिन्होंने सावरकर को विवादित मानते हुए उनकी छवि को नकारा था।
शाह ने कहा कि वीर सावरकर जैसे महान नेता को किसी भी पार्टी के राजनीतिक दृष्टिकोण से जोड़कर देखना गलत है। उनका योगदान देश के लिए था, न कि किसी एक राजनीतिक या धार्मिक विचारधारा के लिए।
इंदिरा गांधी का सावरकर के प्रति सम्मान
Amit Shah ने अपनी बात को और मजबूती देते हुए इंदिरा गांधी द्वारा वीर सावरकर के प्रति की गई प्रशंसा का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि 1966 में, इंदिरा गांधी ने सावरकर को एक महान व्यक्ति माना था। शाह ने कहा, “इंदिरा गांधी ने कहा था कि सावरकर एक महान व्यक्ति थे। उनका नाम साहस और देशभक्ति के पर्याय के रूप में लिया जाता है। वह एक महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया।”
इंदिरा गांधी का यह बयान सावरकर के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है और यह भी साबित करता है कि उनके योगदान को पूरे देश ने स्वीकार किया था। शाह ने कांग्रेस से कहा कि अगर वह भाजपा के विचारों को नहीं सुन सकते, तो कम से कम इंदिरा गांधी की बातों पर ध्यान दें, क्योंकि उनका यह बयान सावरकर के प्रति एक सम्मानपूर्ण दृष्टिकोण को दिखाता है।
Amit Shah का सावरकर के योगदान पर जोर
Amit Shah ने सावरकर के योगदान पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका स्थान अमूल्य है। शाह ने कहा कि सावरकर के बारे में राजनीतिक विवादों को उठाना उनकी बहादुरी और बलिदान की सही सराहना नहीं है। उनका योगदान और संघर्ष हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए अतुलनीय हैं। वीर सावरकर को उनके साहस और देशभक्ति के लिए हमेशा याद किया जाएगा, और कोई भी राजनीतिक हमले उनके इस महान योगदान को मिटा नहीं सकते।
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