अलवर: शहर के पास बख्तल चौकी क्षेत्र में गुरुवार देर रात हुए करण मल्होत्रा हत्याकांड के बाद शनिवार को अलवर शहर में तनाव और आक्रोश का माहौल बन गया। मृतक के परिजनों और हिंदूवादी संगठनों ने जिला अस्पताल के बाहर शव रखकर धरना दिया और पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया। हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
अधिकारियों की मौजूदगी में बनी सहमति
रामगढ़ विधायक सुखवंत सिंह, पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा, एडीएम सिटी बीना महावर और एएसपी शरण कांबले गोपीनाथ समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और कई घंटे चली वार्ता के बाद प्रशासन और सर्व समाज प्रतिनिधियों के बीच आठ सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी।
अधिकारियों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया, जिसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया। हालांकि सर्व समाज ने 72 घंटे का अल्टीमेटम देकर चेतावनी दी कि अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।
अवैध ढाबे पर चला बुलडोजर
धरना खत्म होते ही प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कराई और घटना से जुड़े आरोपियों के अवैध ढाबे और अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई की।
एडीएम बीना महावर ने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कैसे हुई वारदात
गांव देसूला निवासी चिंटू मल्होत्रा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कार से लौट रहे थे। बख्तल चौकी के पास कुछ युवकों ने उन पर हमला कर दिया। सूचना मिलने पर उसका चचेरा भाई करण मल्होत्रा और दो साथी मौके पर पहुंचे और बीचबचाव करने लगे।
हमलावरों ने करण पर फर्सी और लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सानिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार शाम उसकी मौत हो गई।
एएसपी बोले — जल्द होगी गिरफ्तारी
एएसपी शरण कांबले गोपीनाथ ने कहा कि आरोपियों की तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं और जांच जारी है। कमेटी द्वारा दिए सुझावों पर कानूनी दायरे में रहते हुए कार्रवाई की जाएगी।