राज्यपाल एवं एमबीएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने बुधवार को जोधपुर में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उपाधियाँ और स्वर्ण पदक प्रदान किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित न रहे, बल्कि यह समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी का माध्यम बने। युवाओं को तकनीकी ज्ञान को रोजगार तक सीमित रखने के बजाय नवाचार, उद्यम और जनकल्याण में प्रयोग करने की अपील की गई।
राज्यपाल ने बताया कि नवगठित एमबीएम विश्वविद्यालय ने अल्प समय में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं—जैसे पीएम-उषा योजना के तहत 20 करोड़ की स्वीकृति, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना, एआई और डेटा साइंस पाठ्यक्रम, 5G स्पेक्ट्रम लैब और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना।
उन्होंने छात्राओं की भागीदारी को महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक संकेत बताया और विद्यादान परंपरा को शिक्षा के सर्वसुलभिकरण की अनुकरणीय पहल कहा।
समारोह में कुल 717 स्नातक, 117 स्नातकोत्तर, 07 पीएचडी उपाधियाँ और 16 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने तकनीकी शिक्षा को नवाचार और आत्मनिर्भर भारत का आधार बताते हुए युवाओं से स्वरोजगार और प्रेरणा का आह्वान किया।