उप मुख्यमंत्री एवं महिला और बाल विकास मंत्री दिया कुमारी की अध्यक्षता में मंगलवार को शासन सचिवालय में आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण के संदर्भ में बैठक आयोजित हुई। इसमें महिला और बाल विकास शासन सचिव महेन्द्र सोनी, राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त समग्र शिक्षा अनुपमा जोरवाल, निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं वासुदेव मालावत, सार्वजनिक निर्माण विभाग और पंचायती राज विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जून माह में समसा द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार 6,012 आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत प्राथमिकता से करवाई जाएगी। प्रथम चरण में 50 करोड़ रुपये के बजट से 3,033 केंद्रों की मरम्मत हेतु वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। शिक्षा विभाग को भी समसा द्वारा आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों के अनुमान के आधार पर 2,365 केंद्रों की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें अगले 4 महीनों में पूरा करना होगा।
सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए कि समसा में जेईएन/एईएन की प्रतिनियुक्ति या अतिरिक्त प्रभार की व्यवस्था की जाए, साथ ही शिक्षा विभाग मुख्यालय में एसई/जेईएन/एईएन की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से की जाए। वेदान्ता फाउंडेशन (नंदघर) को जुलाई में उपनिदेशक कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 10,497 आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत और नंदघर के रूप में विकसित करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत और सुविधाओं के लिए विधायक कोष से राशि स्वीकृत कराने हेतु विधायकों को पत्र लिखे जाएंगे। जिला कलेक्टरों को भी निर्देशित किया गया कि सीएसआर, डीएमएफटी, एसडीआरएफ फंड से 4,141 जर्जर आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत या नए निर्माण का कार्य करवाएं और बजट आवंटन हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करें। हुडको के प्रतिनिधि ने भी सीएसआर के तहत कुछ आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण और मरम्मत का प्रस्ताव रखा, जिस पर अग्रिम कार्रवाई के निर्देश दिए गए।