दिल्ली के फर्श बाजार में हुए व्यापारी सुनील जैन की हत्या का मामला अब एक नए मोड़ पर आ गया है। पुलिस अब इस हत्या की जांच में ‘मिस्टेकन आइडेंटिटी’ यानी गलत पहचान के एंगल पर भी विचार कर रही है। यह खुलासा तब हुआ, जब सुनील जैन के साथ स्कूटी पर सवार उनके साथी सुमित ने पुलिस को जो बयान दिया, उससे सब चौंक गए। सु
मित के अनुसार, दो बदमाश नीले रंग की अपाचे बाइक पर सवार होकर आए थे और उन्होंने हरियाणवी में यह सवाल पूछा, “Virat किसका नाम है?” जब सुमित ने यह बताया कि यहां कोई विराट नहीं है, तो बदमाशों ने बिना देर किए सुनील जैन पर गोली चला दी और दूसरा बदमाश भी गोली चलाने लगा। इस घटना से यह सवाल खड़ा हुआ है कि अगर स्कूटी पर बैठे किसी व्यक्ति का नाम Virat नहीं था, तो फिर वह Virat कौन था, जिसे बदमाश तलाश रहे थे?
मिस्टेकन आइडेंटिटी के चलते हुई हत्या?
अब दिल्ली पुलिस इस मामले में ‘मिस्टेकन आइडेंटिटी’ यानी गलत पहचान के एंगल पर गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस का मानना है कि यह हत्या एक गलत पहचान के चलते हो सकती है, जिसमें बदमाशों ने सही शख्स को पहचानने में गलती की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुनील जैन के पास ‘Virat’ नाम का कोई संबंधी या व्यक्ति नहीं था, जिसके चलते यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बदमाशों ने शायद किसी और को निशाना बनाने के बजाय गलती से सुनील जैन को मार दिया।
Virat नाम का क्या संबंध है?
Virat नाम की थ्योरी अब पूरे मामले को उलझा रही है। पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि वह विराट कौन था, जिसकी तलाश बदमाश कर रहे थे। क्या यह कोई व्यक्ति था, जिसका बदमाशों से पुराना कोई रंजिश था? या फिर यह किसी अन्य तरह की गलती थी, जिसमें सुनील जैन की जान चली गई? इस सवाल के जवाब के लिए पुलिस ने अपने जांच के दायरे को और भी विस्तृत कर लिया है और अब वह उन सभी संभावित कनेक्शनों की जांच कर रही है, जो विराट नाम से जुड़ी हो सकती हैं।
घटना की पूरी कहानी
दिल्ली के फर्श बाजार में 4 अक्टूबर को हुई इस घटना में व्यापारी सुनील जैन की हत्या कर दी गई थी। घटनास्थल पर उनके साथ सुमित नामक व्यक्ति भी था, जो उस समय स्कूटी पर सवार था। सुमित के बयान के बाद पुलिस ने पाया कि बदमाशों ने पहले यह पूछा कि “Virat किसका नाम है?”
लेकिन जब सुमित ने इसे नकारा किया, तो बदमाशों ने सुनील जैन को निशाना बना लिया। यह घटना उस समय घटी, जब व्यापारी अपने कारोबार से जुड़ी किसी मीटिंग में शामिल होने जा रहे थे। पुलिस को अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि बदमाशों ने उन्हें किस वजह से निशाना बनाया था।
क्या यह रंजिश का मामला था?
हालांकि, पुलिस ने यह भी माना है कि यह हत्या एक निजी रंजिश का नतीजा हो सकती है, लेकिन मिस्टेकन आइडेंटिटी के कारण हुई गलती ने पूरे मामले को और पेचिदा बना दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर यह हत्या गलत पहचान के चलते हुई है, तो इसका मतलब है कि बदमाशों ने किसी और को निशाना बनाने की कोशिश की थी, और सुनील जैन का नाम लिया जाने के बाद वह निशाना गलत हो गया। पुलिस इस जांच को इसलिए और भी गहराई से देख रही है, ताकि वह इस मामले में एक ठोस निष्कर्ष पर पहुंच सके।
मामले में नए सुराग
पुलिस ने अब तक जो भी सुराग इकट्ठा किए हैं, वे इस मामले को और अधिक जटिल बना रहे हैं। सुमित के बयान और सुरागों के आधार पर, यह संभावना जताई जा रही है कि बदमाशों के निशाने पर कोई और व्यक्ति था, जिसे वे विराट के नाम से जानते थे। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि वह अब तक इस नाम को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं और जांच जारी है।
इसके अलावा, पुलिस यह भी देख रही है कि क्या इस हत्या के पीछे कोई अन्य बाहरी कनेक्शन या गैंगवार का हिस्सा तो नहीं था। इस संदर्भ में कई पहलुओं की जांच की जा रही है, जिसमें बदमाशों के पहले के रिकॉर्ड, उनके द्वारा किए गए पिछले अपराधों और इस क्षेत्र में उनके प्रभाव की जांच की जा रही है।
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