Himachal Pradesh में बादल फटने का कहर: 583 सड़कों पर मलबा, बिजली-पानी की आपूर्ति ठप!

By Editor
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Himachal Pradesh में बादल फटने से मची तबाही: सड़कें बंद, बिजली और जल आपूर्ति प्रभावित

Himachal Pradesh में हाल ही में बादल फटने के कारण भयंकर तबाही हुई है। दो दिनों तक लगातार हो रही बारिश और बादल फटने के कारण राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। 583 सड़कें अवरुद्ध हो चुकी हैं, जिनमें से 85 राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं। इन सड़कों के बंद होने के कारण यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया है, जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य के पहाड़ी इलाकों में बादल फटने के कारण जलस्तर अचानक बढ़ गया और तेज बहाव से मलबा सड़कों पर आ गया, जिससे यातायात के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। प्रशासन इन रास्तों को खोलने के लिए सख्त मेहनत कर रहा है, लेकिन बर्फबारी और बारिश के चलते कार्य में कई बार बाधाएं आ रही हैं।

बिजली और जल आपूर्ति प्रभावित, 2263 ट्रांसफार्मर ठप
बादल फटने के कारण Himachal Pradesh में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। 2263 ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं, जिससे बिजली की आपूर्ति कई क्षेत्रों में ठप हो गई है।

इसके अलावा, 279 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिसके कारण कई इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। राज्य सरकार ने इन समस्याओं को शीघ्र सुलझाने के लिए टीमों को सक्रिय किया है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को पानी और बिजली की आपूर्ति शीघ्र बहाल की जा सके।

कुल्लू और कांगड़ा में बाढ़ की स्थिति, वाहन मलबे में दबे
Himachal Pradesh: कुल्लू जिले के पाहनाला में बाढ़ के कारण आठ वाहन मलबे में दब गए। यह घटना उस समय हुई जब तेज पानी और मलबा एक साथ बहने लगे, जिससे सड़क पर खड़ी गाड़ियां अपने साथ बह गईं। इसके अलावा, कुल्लू जिले के सरवरी नाले में बाढ़ के कारण वाहनों की पार्किंग को भी नुकसान हुआ है।

कांगड़ा के छोटा भंगाल के मुल्थान में भी बादल फटने के कारण भारी तबाही मच गई। यहां के 12 घर खतरे की जद में हैं, और 9 वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, प्रशासन ने इन क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है।

मनाली और वरोट में भूस्खलन, सड़कें बंद
Himachal Pradesh: मनाली में भी भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे मनाली फोरलेन हाइवे कई स्थानों पर बंद हो गए हैं। पहाड़ से गिरा मलबा सड़कों पर जमा हो गया है, और प्रशासन इसे हटाने के लिए कार्य कर रहा है। इसके कारण यात्रियों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है और यात्रा बाधित हो रही है।

मंडी जिले के वरोट के पहाड़ों पर भी बादल फटने का खतरा जताया गया है। हालांकि, शनिवार को मौसम शांत है, लेकिन अधिकारियों ने इन स्थानों पर लगातार निगरानी बनाए रखने की घोषणा की है।

कांगड़ा के मुल्थान में 9 वाहन क्षतिग्रस्त
Himachal Pradesh: कांगड़ा जिले के मुल्थान में बादल फटने के कारण भारी मलबा सड़क पर आ गया, जिससे 9 वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और नुकसान का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया है।

मुल्थान क्षेत्र में भी कई घरों को नुकसान पहुंचा है, और स्थानीय प्रशासन ने इन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।

चंबा की पागी घाटी में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
Himachal Pradesh: चंबा की पागी घाटी में पिछले चार दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही थी, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। घाटी के अन्य हिस्सों से पूरी तरह कट जाने के कारण स्थानीय लोग कठिनाई का सामना कर रहे थे। यहां सर्दी का असर बढ़ गया है, और दो दिनों से बिजली की आपूर्ति भी बाधित रही है।

गुड समाचार यह है कि अब बर्फबारी थम गई है और मौसम साफ होने की संभावना है। स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है, हालांकि बर्फबारी के दौरान लगभग 3 फीट बर्फ जमा हो चुकी थी, जिससे कई घरों और रास्तों को भारी नुकसान हुआ।

प्रशासन राहत कार्य में जुटा, स्थिति नियंत्रण में
Himachal Pradesh सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि बिजली और जल आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल की जाए। इसके साथ ही, बंद रास्तों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनों और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।

Himachal Pradesh: प्रशासन के अनुसार, मौसम में सुधार के बाद राहत कार्यों को तेज किया जाएगा। आने वाले दिनों में राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, और सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी जा रही है।
राज्य सरकार ने बर्फबारी और भूस्खलन के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चेतावनी दी है, ताकि कोई अप्रत्याशित घटना ना हो।

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