राजस्थान की सियासत में फोन टैपिंग का विवाद समय-समय पर गर्माई पैदा करता रहा है। इस बार यह मुद्दा अशोक गहलोत और उनके पूर्व OSD लोकेश शर्मा के बीच उभरकर सामने आया है। गहलोत के कार्यकाल में इस्तीफा देने के बाद शर्मा ने 3 अक्टूबर 2024 को दिल्ली क्राइम ब्रांच को फोन टैपिंग के कुछ सबूत सौंपे। उन्होंने दावा किया कि 2020 के सियासी संकट के दौरान गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की कॉल रिकॉर्डिंग उन्हें दी थी और उसे मीडिया में लीक करने के लिए कहा गया था।
हाल ही में गहलोत के शेखावत पर किए गए हमले के बाद, लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गहलोत को करारा तंज मारा। उन्होंने लिखा कि 24 घंटे लगने के बाद भी गहलोत ने अपने पक्ष में प्रतिक्रिया दी, और सवाल उठाया कि अगर उनके पास ठोस सबूत हैं तो उन्हें सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर दिया और लोकेश लगातार गहलोत को उनके कार्यों के लिए घेर रहे हैं।
लोकेश शर्मा ने गहलोत से कई तीखे सवाल किए, जैसे कि “फोन टैपिंग किसने करवाई? ऑडियो पेन ड्राइव में कैसे पहुंचा? क्या यह कानूनी था? और मुख्यमंत्री होते हुए भी शेखावत और अन्य नेताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की?” उन्होंने गहलोत को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन आरोपों और सबूतों के साथ सच सामने रखने की खुली चुनौती दी। अब सबकी निगाहें गहलोत की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, और राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर तूफान मचना तय है।