झांसी में NIA (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) और एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई के दौरान मुफ्ती मोहम्मद खालिद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। हालांकि, देर रात NIA ने उन्हें छोड़ दिया। खालिद को रिहा करने के बाद, उनके समर्थकों द्वारा टीम पर किए गए हमले के कारण पुलिस ने 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह घटनाक्रम झांसी के एक मस्जिद इलाके से सामने आया, जहां NIA और एटीएस की टीम ने विदेशी फंडिंग के मामले में छापेमारी की थी। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
NIA और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई: विदेशी फंडिंग के मामले में छापेमारी
गुरुवार तड़के, NIA और एटीएस की संयुक्त टीम ने मुफ्ती मोहम्मद खालिद के घर पर छापेमारी की। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग और आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामलों की जांच के तहत की गई थी। जांच एजेंसियों ने घर से कुछ अहम दस्तावेज़ जब्त किए, जिन्हें बाद में जांच के दौरान संकलित किया गया। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान खालिद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया और उन्हें अन्य स्थान पर ले जाया जा रहा था।
मुफ्ती मोहम्मद खालिद के खिलाफ एनआईए द्वारा की जा रही जांच को लेकर स्थानीय प्रशासन में हलचल मच गई थी, क्योंकि खालिद के समर्थकों ने गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
मुफ्ती खालिद की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों का विरोध: पुलिस से झड़प
जब NIA और एटीएस की टीम खालिद को पूछताछ के लिए ले जा रही थी, तो स्थानीय मोहल्ले के लोगों और उनके समर्थकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। खबरों के मुताबिक, खालिद के समर्थकों ने जांच एजेंसियों की टीम को घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की की। इस दौरान एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें समर्थकों ने खालिद को छीनने की कोशिश की और उसे मस्जिद के अंदर ले गए।
इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले को गंभीरता से लिया और 110 लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति पर हमला करने, सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा और दंगा करने के आरोप में केस दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि हमलावरों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
NIA और एटीएस की छापेमारी के संदर्भ में विदेशी फंडिंग का मामला
NIA की जांच में यह खुलासा हुआ कि मुफ्ती मोहम्मद खालिद विदेशी फंडिंग से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, खालिद के घर से जब्त किए गए दस्तावेजों में विदेशी स्रोतों से प्राप्त धन का जिक्र था, जो कथित रूप से आतंकी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा था।
इस मामले में एनआईए पहले भी कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है और यह मामला विदेशी आतंकवादियों से जुड़ी गतिविधियों को लेकर बढ़ा था। अधिकारियों के अनुसार, खालिद के खिलाफ साक्ष्य जुटाए गए थे, और उनकी भूमिका की जांच जारी थी। यह कदम सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खालिद के नेटवर्क और उनसे जुड़े संभावित आतंकवादी कनेक्शनों को खंगालने के उद्देश्य से उठाया गया था।
NIA और एटीएस के अधिकारियों का बयान
NIA और एटीएस के अधिकारियों ने घटना के बाद बयान दिया, जिसमें उन्होंने खालिद के खिलाफ चल रही जांच को पूरी तरह से सही और कानूनी बताया। एक वरिष्ठ एनआईए अधिकारी ने कहा, “हमने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए छापेमारी की और आवश्यक दस्तावेजों को जब्त किया। हमारी प्राथमिकता हमेशा सुरक्षा सुनिश्चित करना और देश विरोधी गतिविधियों से निपटना है।”
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि खालिद को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, क्योंकि उनके खिलाफ कोई ठोस आरोप नहीं था जो उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साबित होता। हालांकि, जांच अभी भी जारी है, और खालिद के समर्थकों द्वारा किए गए हमलों को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक और राजनीतिक असर: क्या खालिद की गिरफ्तारी को लेकर विवाद बढ़ेगा?
मुफ्ती मोहम्मद खालिद के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई और उनके समर्थकों द्वारा की गई हिंसा ने झांसी के सामाजिक और राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। इस घटनाक्रम को लेकर कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने अपने-अपने बयान जारी किए हैं।
कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने एनआईए की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा और केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत किए गए कदम के रूप में पेश किया है। इस मामले को लेकर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
पुलिस कार्रवाई: 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
कोतवाली पुलिस ने देर रात घटना के बाद 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनमें से कुछ को पहचाना जा चुका है, जबकि कुछ अन्य की पहचान की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दंगा फैलाने, सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने, और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए हैं।
पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और जिन लोगों ने हिंसा की, उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और शांति बनाए रखी जा सके।
आगे की कार्रवाई: खालिद के खिलाफ जांच और संभावित गिरफ्तारियां
NIA की जांच और खालिद के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ने की संभावना है। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और मामले में अन्य संदिग्धों की पहचान की जा सकती है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां खालिद के नेटवर्क की पूरी जांच कर रही हैं, और विदेशी फंडिंग से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच हो रही है।
साथ ही, 110 हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई के अलावा, खालिद के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा के संबंध में भी सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
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