Prashant Kishor गिरफ्तार, बीपीएससी परीक्षा के खिलाफ अनशन जारी रखने की कड़ी चेतावनी
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित 70वीं पीटी परीक्षा के खिलाफ जन सुराज के सूत्रधार Prashant Kishor द्वारा गांधी मैदान में अनशन पर बैठने के बाद, आज सुबह उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी बीपीएससी परीक्षा के दौरान हुई अनियमितताओं और पेपर लीक के मुद्दे को लेकर हुई है, जिसे लेकर Prashant Kishor और उनके समर्थक लगातार आंदोलन कर रहे थे।
बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा का विवाद
13 दिसंबर 2024 को आयोजित बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा ने एक बड़ा विवाद उत्पन्न कर दिया था। पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के पेपर लीक होने की खबर सामने आई थी। अभ्यर्थियों ने इस पर विरोध जताया था और कहा था कि पेपर लीक की वजह से परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे थे। बीपीएससी ने भी गड़बड़ी स्वीकार करते हुए बापू परीक्षा केंद्र पर दोबारा परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की थी।
इस घटनाक्रम में और भी कई मोड़ आए, जिनमें पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा विरोध कर रहे एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मारे जाने की घटना शामिल थी। इसके बाद, परीक्षार्थियों ने गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था, और कुछ समय बाद, दो बार प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया।
Prashant Kishor का अनशन और गिरफ्तारी
Prashant Kishor ने 02 जनवरी को गांधी मैदान में बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितताओं के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया था। उनका यह कदम राज्य में चल रहे छात्र आंदोलन और प्रदर्शन का हिस्सा था, और उन्होंने कहा था कि जब तक अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वह अनशन जारी रखेंगे। उनके साथ बीपीएससी अभ्यर्थियों और जन सुराज के कई समर्थक भी धरना स्थल पर बैठे थे।
पटना जिला प्रशासन ने इस प्रदर्शन को अनधिकृत और बिना अनुमति का बताया। प्रशासन का कहना था कि गांधी मैदान पर इस तरह का धरना देना ग़ैर-क़ानूनी है और यह स्थापित परंपराओं के विपरीत है।
सुरक्षा बलों ने आज सुबह 4 बजे गांधी मूर्ति के पास से Prashant Kishor को गिरफ्तार किया। हालांकि, Prashant Kishor ने इलाज से इंकार कर दिया और कहा कि वह अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे।
पटना जिला प्रशासन ने इस कार्रवाई के बारे में बताया कि उन्हें बार-बार गांधी मैदान में धरना न देने के लिए कहा गया था और उचित समय भी दिया गया था। जब उन्होंने आदेशों का पालन नहीं किया, तो उनके खिलाफ गांधी मैदान थाने में केस दर्ज कर गिरफ्तारी की गई।
Prashant Kishor के समर्थकों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया, और उन्हें एंबुलेंस में ले जाया गया। प्रशासन ने पुष्टि की कि Prashant Kishor को आज अदालत में पेश किया जाएगा।
विरोध और महागठबंधन का समर्थन
बीपीएससी परीक्षा के विवाद को लेकर महागठबंधन ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से उठाया है। विपक्षी दलों ने Prashant Kishor के समर्थन में और बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितताओं के खिलाफ विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया है। इसमें गठबंधन के युवा और छात्र संगठन भाग लेंगे। महागठबंधन के नेताओं ने इसे युवाओं और छात्रों के अधिकारों की लड़ाई बताया है।
तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और अन्य विपक्षी नेता इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से बोल रहे हैं और सरकार पर दबाव डालने का प्रयास कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि बीपीएससी परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और अभ्यर्थियों को न्याय मिले।
समाज और राजनीति में प्रभाव
Prashant Kishor की गिरफ्तारी और इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार में राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे को लेकर छात्रों, अभ्यर्थियों और समाज के विभिन्न वर्गों में गुस्सा देखा जा रहा है। यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि शिक्षा और परीक्षा प्रक्रियाओं में अनियमितताएं समाज में व्यापक असंतोष उत्पन्न कर सकती हैं।
Prashant Kishor के नेतृत्व में जन सुराज पार्टी ने हमेशा ही बिहार में बदलाव की बात की है, और इस आंदोलन के जरिए उन्होंने अपनी राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत किया है। उनका मानना है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है और वह इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाए रखेंगे।
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