Putin ने ‘Shaitan-2’ मिसाइल RS-28 तैनात करने का आदेश, परमाणु हमले की दी चेतावनी

By Editor
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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में पुतिन का नया कदम: RS-28 मिसाइल से दुनिया में बढ़ी चिंता

RS-28: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक और खतरनाक कदम उठाया है, जिसने वैश्विक सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है। पुतिन ने RS-28 सरमत मिसाइल को युद्ध के लिए तैयार करने का आदेश दिया है, जिसे आमतौर पर ‘शैतान-2’ के नाम से जाना जाता है। यह मिसाइल दुनिया के सबसे घातक हथियारों में से एक मानी जाती है, और इसकी क्षमता न केवल रूस की शक्ति को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा को भी एक नए खतरे के तहत लाती है।

RS-28 सरमत: एक खतरनाक मिसाइल

RS-28 सरमत, जिसे ‘शैतान-2’ के नाम से जाना जाता है, दुनिया की सबसे लंबी रेंज वाली और सबसे शक्तिशाली परमाणु मिसाइलों में से एक है। यह मिसाइल 25,556 किलोमीटर तक के लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है, और इसे एक साथ कई परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता प्राप्त है। इस मिसाइल का डिजाइन इसे दुश्मन की रक्षा प्रणाली को बाईपास करने और अपनी मिसाइल को लक्ष्य तक पहुंचाने में सक्षम बनाता है।

क्यों है यह मिसाइल इतना खतरनाक?

RS-28 सरमत की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह परमाणु मिसाइलों के साथ-साथ घातक वारहेड्स को भी लेकर चल सकती है। इसकी रेंज और क्षमता के कारण, यह न केवल रूस की रक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बन सकती है, बल्कि यह वैश्विक परमाणु युद्ध के लिए भी खतरा उत्पन्न कर सकती है। इसके शक्तिशाली वारहेड्स से यह मिसाइल किसी भी राष्ट्र को परमाणु हमले का निशाना बना सकती है, जिससे पूरे विश्व के लिए अत्यधिक खतरा उत्पन्न हो सकता है।

विश्व स्तर पर बढ़ती चिंता

RS-28 सरमत मिसाइल का विकास और उसकी सक्रियता से पश्चिमी देशों में भारी चिंता का माहौल बन गया है। रूस की यह मिसाइल तकनीक न केवल उसकी सैन्य ताकत को एक नए स्तर पर लेकर जाती है, बल्कि यह उसके परमाणु युद्ध क्षमताओं को भी एक बडी चुनौती बना सकती है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के लिए यह एक नई सुरक्षा चुनौती है, जिससे उनका सैन्य और रणनीतिक समीकरण भी प्रभावित हो सकता है।

दुनिया के लिए एक चेतावनी

RS-28 पुतिन का यह कदम केवल रूस की सैन्य ताकत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि रूस अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किसी भी स्थिति में कर सकता है। इससे न केवल रूस और यूक्रेन के संघर्ष को और अधिक गंभीर रूप से प्रभावित करने की संभावना है, बल्कि यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है। खासकर उस समय जब दुनिया पहले ही एक स्थिर युद्ध स्थिति से जूझ रही है, यह कदम वैश्विक राजनैतिक माहौल में और अधिक तनाव बढ़ा सकता है।

परमाणु युद्ध की संभावना

RS-28 सरमत की तैनाती से परमाणु युद्ध की संभावना और अधिक बढ़ सकती है, क्योंकि इस मिसाइल के पास इतनी ताकत है कि वह दुश्मन के बंकरों और किलों को भी नष्ट कर सकती है। साथ ही यह मिसाइल सुरक्षा प्रणालियों को भी भेदने में सक्षम है, जिससे किसी भी आक्रामक हमले से बचने की संभावना कम हो जाती है। इस मिसाइल के परीक्षण और तैनाती से यह साबित हो गया है कि रूस के पास अपनी रक्षा को मजबूत बनाने के लिए अत्याधुनिक परमाणु हथियार हैं।

वैश्विक प्रतिक्रिया

RS-28 सरमत के परीक्षण के बाद, पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका, ने इसे एक गंभीर सुरक्षा खतरा माना है। रूस के इस कदम से परमाणु युद्ध का खतरा और भी बढ़ गया है, और दुनिया के तमाम देश इस पर निगरानी बनाए हुए हैं। यह स्थिति दुनिया को एक नई दिशा में ले जा सकती है, जहां सुरक्षा रणनीतियों और परमाणु हथियारों के नियंत्रण पर नए तरीके से विचार किया जा सकता है।

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