जयपुर अदालत ने कहा आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं, दशक पुराने घोटाले का मामला बंद
राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा ट्विस्ट आया है। करीब 10 साल पुराने महिंद्रा SEZ भूमि प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई दिग्गज नेताओं और अफसरों पर दर्ज 5000 करोड़ के कथित घोटाले का मामला अदालत ने खारिज कर दिया। जयपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा कि आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए गए।
यह मामला जयपुर स्थित महिंद्रा SEZ भूमि प्रकरण से जुड़ा था। आरोप था कि वसुंधरा सरकार ने महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी ज़मीन का लैंड यूज गलत तरीके से बदला। विवादकर्ता संजय छाबड़ा ने दावा किया था कि SEZ के नाम पर अधिगृहित भूमि में से सड़क और पार्कों के लिए रिजर्व ज़मीन को औद्योगिक उपयोग के लिए बेचने का प्रस्ताव बनाया गया था। तत्कालीन वसुंधरा कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
मामला 500 एकड़ भूमि का था, जिसकी उस समय कीमत लगभग 5000 करोड़ रुपये आंकी गई थी। उद्योग विभाग की तत्कालीन प्रमुख सचिव वीनू गुप्ता ने लैंड यूज चेंज का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे बाद में राज्य सरकार की कैबिनेट ने पास किया। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि परिवादी कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं कर सका और आरोप केवल मौखिक थे। इसलिए अदालत ने परिवाद को खारिज कर दिया और मामले को बंद करने का आदेश दिया।