Saharanpur: बिजली विभाग के अभियान में 20 लाख रुपये की चोरी का खुलासा

By Editor
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Saharanpur

Saharanpur में बिजली विभाग का अभियान: 20 लाख की चोरी का पर्दाफाश, 38 एफआईआर दर्ज

उत्तर प्रदेश के Saharanpur नगर में शनिवार सुबह बिजली विभाग द्वारा चलाए गए अभियान के तहत 20 लाख रुपये की बिजली चोरी का पर्दाफाश हुआ है। इस अभियान में सहारनपुर शहर के तीन प्रमुख इलाकों में बिजली चोरी की घटनाओं का खुलासा हुआ और 38 उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। यह अभियान विद्युत विभाग की सख्त कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें कई अधिकारियों और सुरक्षा बलों की टीम शामिल थी।

छापेमारी का आयोजन और विभागीय कार्रवाई

Saharanpur जिले के जिलाधिकारी मनीष बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह छापेमारी विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता सुनील कुमार अग्रवाल की अगुवाई में की गई थी। विभाग के बड़े अधिकारियों और सतर्कता विभाग की टीम के साथ पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) और पुलिस बल भी मौजूद था। अभियान का मुख्य उद्देश्य बिजली चोरी के मामलों का पर्दाफाश करना और ऐसे कनेक्शनों पर कार्रवाई करना था जो अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहे थे।

मुख्य अभियंता सुनील कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान कोई प्रतिरोध सामने नहीं आया। अभियान की शुरुआत सहारनपुर नगर के तीन प्रमुख इलाकों—मेंहदी सराय, पीर वाली गली और खाताखेड़ी—से की गई। इन क्षेत्रों में बिजली चोरी की शिकायतें मिलने के बाद अभियान शुरू किया गया। टीम ने इन इलाकों में घर-घर जाकर बिजली चोरी की गतिविधियों का पता लगाया और अवैध कनेक्शनों को पकड़ा।

बिजली चोरी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी

Saharanpur: अधिकारियों ने इस अभियान के तहत 20 लाख रुपये की बिजली चोरी का पता लगाया। यह राशि उन उपभोक्ताओं द्वारा की गई चोरी की है, जिन्होंने बिना उचित कनेक्शन या मीटर के बिजली का उपयोग किया था। विभाग के अधिकारी इस कार्रवाई से संतुष्ट दिखे, लेकिन उन्होंने कहा कि बिजली चोरी के मामलों में सख्ती से निपटा जाएगा।

मुख्य अभियंता सुनील कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिजली चोरी के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और पूरे शहर में इस तरह की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे बिजली का उपयोग नियमानुसार करें और बकाए का शीघ्र भुगतान करें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी उपभोक्ता को अपने बिजली कनेक्शन में बदलाव या विद्युत भार बढ़वाने की आवश्यकता हो, तो वह विभाग से उचित प्रक्रिया अपनाकर इसे करवा सकते हैं।

जनपद में अभियान का विस्तार

Saharanpur: जिलाधिकारी मनीष बंसल ने भी इस अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह छापेमारी सहारनपुर जनपद में बिजली चोरी की रोकथाम के लिए एक प्रभावशाली कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि जिले के अन्य हिस्सों में भी इस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी ताकि बिजली चोरी के मामलों को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सके।

जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसे अभियान न केवल बिजली चोरी की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह सरकारी खजाने को भी सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, अवैध कनेक्शनों से क्षेत्रीय लोगों के लिए बिजली आपूर्ति में भी सुधार होगा, क्योंकि विभाग का लक्ष्य अवैध उपयोगकर्ताओं के बजाय सभी उपभोक्ताओं को सही और निर्बाध बिजली आपूर्ति करना है।

बिजली चोरी से विभाग पर दबाव

Saharanpur: बिजली चोरी से केवल राज्य सरकार ही नहीं, बल्कि बिजली विभाग भी प्रभावित होता है। विभाग के लिए यह एक गंभीर समस्या बन गई है, क्योंकि यह न केवल राजस्व की हानि का कारण बनता है, बल्कि बिजली आपूर्ति के लिए आवश्यक संसाधनों की भी कमी पैदा करता है। अवैध कनेक्शनों के कारण विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, और यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बिजली संकट को और बढ़ा देता है।

Saharanpur: अवैध कनेक्शनों से अक्सर विद्युत उपकरणों को नुकसान भी पहुंचता है, जो सिस्टम को प्रभावित करता है। ऐसे मामलों में जाँच और कार्रवाई की प्रक्रिया को मजबूत करना आवश्यक हो जाता है, ताकि विभाग सही तरीके से काम कर सके और राज्य में बिजली संकट को समाप्त किया जा सके।

बिजली चोरी से निपटने के लिए विभाग की अपील

Saharanpur: बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस अभियान के अंतर्गत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बिजली का उपयोग विधिपूर्वक करें। विभाग ने यह भी सलाह दी है कि उपभोक्ता अपनी बिजली के कनेक्शन को नियमित करें और जरूरत के हिसाब से बिजली का भार बढ़वाएं। विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखने का भी वादा किया है कि कोई भी उपभोक्ता अवैध कनेक्शन से बिजली का उपयोग न करें।

Saharanpur: अधिकारियों ने यह भी कहा कि उपभोक्ताओं को बकाया बिजली बिलों का शीघ्र भुगतान करना चाहिए ताकि विभाग को नुकसान का सामना न करना पड़े। विभाग के अनुसार, इन कदमों से न केवल बिजली चोरी को रोका जा सकेगा, बल्कि बिजली आपूर्ति प्रणाली को भी अधिक स्थिर और विश्वसनीय बनाया जा सकेगा।


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