Stock Market: शेयर बाजार में गिरावट: ₹4 लाख करोड़ का नुकसान, सेंसेक्स 528 अंक टूटा
Stock Market: 9 जनवरी को तिमाही नतीजों के सीजन से पहले शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 528 अंक गिरकर 77,620.21 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 162.45 अंक गिरकर 23,526.50 के स्तर पर समाप्त हुआ। इस गिरावट के कारण निवेशकों के पोर्टफोलियो में ₹4 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। इससे पहले, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 439.59 लाख करोड़ रुपये था, जो घटकर 435.74 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस तरह निवेशकों की संपत्ति में करीब 3.85 लाख करोड़ रुपये की कमी आई।
घबराए निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर
Stock Market: मार्केट विश्लेषकों का कहना है कि तिमाही नतीजों के सीजन से पहले निवेशकों में सतर्कता बढ़ गई है, जिसके कारण बाजार में घबराहट देखी जा रही है। इस समय निवेशक अपनी पूंजी को लेकर आशंकित हैं, खासकर विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली के चलते। इसके अलावा, रुपये में गिरावट भी बाजार के लिए एक और नकारात्मक संकेत बन गई है। बाजार में निरंतर बिकवाली के कारण निवेशक विश्वास खोने लगे हैं, जिससे उनकी चिंताएं और बढ़ गई हैं।
ब्रॉडर मार्केट में भी दबाव
Stock Market: बिकवाली का दबाव सिर्फ प्रमुख शेयरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ब्रॉडर मार्केट में भी इसका असर देखा गया। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.96 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.17 फीसदी तक गिर गए। इन दोनों इंडेक्सों में गिरावट से यह साफ दिखता है कि बाजार में छोटे और मझोले शेयरों पर भी दबाव बना हुआ है। FMCG सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, जो इस बात का संकेत है कि अधिकांश सेक्टर्स में कमजोरी बनी हुई है।
FMCG को छोड़कर बाकी सेक्टर्स में बिकवाली
Stock Market: आज के कारोबारी दिन FMCG सेक्टर को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट आई। FMCG सेक्टर के शेयरों में थोड़ा सकारात्मक रुझान देखा गया, जबकि बाकी सभी सेक्टर्स में बिकवाली का दबाव जारी रहा। ऑटो, मेटल्स, IT, और बैंकिंग शेयरों में भारी गिरावट आई, जो बाजार की कमजोरी को और बढ़ाती है। इससे यह भी साबित होता है कि निवेशक अब सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं, जबकि जोखिम भरे सेक्टर्स से उनका मोह भंग हो रहा है।
विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली
Stock Market: विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली के कारण बाजार में दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों का बाजार से निकलना एक प्रमुख कारण है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी आई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से निकासी का सिलसिला कुछ समय से जारी है, और इसका असर अब भी महसूस हो रहा है।
रुपये की गिरावट से बाजार पर दबाव
Stock Market: भारतीय रुपये में निरंतर गिरावट ने भी शेयर बाजार को प्रभावित किया है। रुपये की कमजोरी से निर्यातकों के लिए तो एक अच्छा अवसर हो सकता है, लेकिन इसका नकारात्मक असर विदेशी निवेशकों पर पड़ता है, जो रुपये की गिरावट से चिंतित रहते हैं। रुपये के कमजोर होने से विदेशी निवेशक अपनी पूंजी वापस निकालने का प्रयास करते हैं, जिससे शेयर बाजार में और गिरावट आती है।
तिमाही नतीजों से पहले बाजार में डर का माहौल
Stock Market: तिमाही नतीजों का सीजन अब लगभग शुरू होने वाला है, और इसके साथ ही बाजार में एक डर का माहौल बन गया है। निवेशक यह समझने में असमर्थ हैं कि आने वाले नतीजे कैसे होंगे, और इसके कारण वे अपनी पूंजी निकालने में जुटे हुए हैं। कई कंपनियों के नतीजे आशानुसार नहीं आ सकते, जो बाजार में और गिरावट का कारण बन सकते हैं। यह अनिश्चितता निवेशकों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है, और इसका असर पूरे बाजार पर पड़ रहा है।
निवेशकों के लिए उम्मीद का एकमात्र रास्ता
Stock Market: विश्लेषक मानते हैं कि फिलहाल बाजार में बढ़ती अनिश्चितता के बीच निवेशकों के लिए उम्मीद का एकमात्र रास्ता सतर्कता और लंबे समय के दृष्टिकोण से निवेश करना है। जो निवेशक तात्कालिक लाभ की तलाश में हैं, उन्हें इस प्रकार के बाजार में मुश्किलें हो सकती हैं। हालांकि, जो दीर्घकालिक निवेशक हैं, उनके लिए यह समय बाजार में कुछ अच्छा खरीदने का हो सकता है, जब मूल्य नीचे हों।
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