इंडिया गठबंधन के नेताओं ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने का आग्रह किया है। नेताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया तब और भी गंभीर हो जाती है जब राज्य विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं।
विपक्षी नेताओं ने इस पुनरीक्षण को अभूतपूर्व बताया और कहा कि चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि ऐसी कवायद जल्द ही पूरे देश में की जाएगी। उन्होंने प्रक्रिया की पारदर्शिता, समय-सीमा और उद्देश्य को लेकर व्यापक आशंकाएं जताईं और कहा कि इस पर तत्काल संसद में चर्चा जरूरी है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विपक्षी दल इस मुद्दे को मौजूदा सत्र की शुरुआत से ही उठा रहे हैं और सरकार के साथ हुई कई बैठकों में इस पर चिंता जाहिर की गई है। 20 जुलाई को हुई सर्वदलीय बैठक में भी यह मुद्दा शामिल रहा, जिसमें सरकार ने सभी विषयों पर चर्चा कराने की बात कही थी, लेकिन अब तक इस पर कोई तिथि तय नहीं की गई है।
नेताओं ने पत्र में लिखा है कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण मतदान के अधिकार और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों पर सीधा असर डालता है। यदि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होती है तो इससे अधिक स्पष्टता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।
पत्र पर जिन लोकसभा सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं उनमें सुप्रिया सुले, अभय कुमार सिन्हा, गौरव गोगोई और एन.के. प्रेमचंद्रन शामिल हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि इस मुद्दे पर बिना विलंब के लोकसभा में विचार किया जाना चाहिए।