राजस्थान यूनिवर्सिटी में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) मुख्य परीक्षा 2024 को स्थगित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी अनशन पर बैठे हैं। 40 विधायक, 2 डिप्टी सीएम, पार्टी अध्यक्ष और कई मंत्री भी इस मांग के समर्थन में हैं। अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा की तारीख बढ़ाई जाए क्योंकि उन्हें तैयारी के लिए और समय चाहिए। भजनलाल सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने अभ्यर्थियों से मुलाकात कर आश्वासन दिया था कि वे मुख्यमंत्री (Bhajanlal Sharma)से इस विषय पर बात करेंगे, लेकिन अब अभ्यर्थी उनके आवास पर एकत्रित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मांग पर सही कार्रवाई होगी।
RAS Mainsपरीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के साथ
— अवधेश पाकड़🇮🇳 (@AvPakad) June 14, 2025
भजन-सरकार एक प्रकार से दोहरा धोखा तो नहीं
कर रही है चुपचाप रह करके क्योंकि फ़िर कोर्ट के
लिये भी समय बहुत कम मिलेग़ा l
मेरा मानना हैं अभ्यर्थियों को आंदोलन के साथ-साथ
माननीय हाईकोर्ट की तरफ भी रुख करना चाहिए!#RAS_MAINS_स्थगित_करो pic.twitter.com/iVJiN0Gr8a
विपक्ष और नेता भी परीक्षा स्थगन की मांग में शामिल
राजस्थान (Rajasthan) के बड़े राजनीतिक नेता जैसे अशोक गहलोत(Ashok Gehlot), सचिन पायलट(Sachin Pilot), गोविंद डोटासरा (Govind Dotasara) और टीकाराम जूली (Tikaram Jully) भी RAS परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वे इस मामले में संवेदनशीलता दिखाएं और युवाओं की आवाज़ सुनें। विपक्ष का कहना है कि सरकार में असमंजस और संवादहीनता के कारण अभ्यर्थियों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई है, जबकि परीक्षा की तारीख करीब है। उन्होंने सरकार से जल्द निर्णय लेने और प्रदर्शनरत अभ्यर्थियों से संवाद करने की भी मांग की है।
सरकार का तानाशाही रवैया और परीक्षा की तारीख न बढ़ाने पर सवाल
सरकार ने परीक्षा की तारीख नहीं बढ़ाई है और कह रही है कि “कैलेंडर जारी हो गया है”, लेकिन सवाल यह उठता है कि पहले क्यों नहीं तारीख घोषित की गई और अब अचानक विरोध के बावजूद क्यों कोई बदलाव नहीं किया जा रहा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अभ्यर्थियों को आश्वासन देने के बाद भी परीक्षा स्थगित नहीं हुई है, जिससे युवाओं में असमंजस और निराशा बढ़ रही है। राजनीतिक गलियारों में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या सरकार के अंदर संवादहीनता है, जो युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसा है। अभ्यर्थी और नेता दोनों सरकार से तुरंत संवेदनशीलता दिखाने और परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लेने की मांग कर रहे हैं।