भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच घरेलू शेयर Market में गिरावट
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से सहमे निवेशकों की बिकवाली के दबाव में घरेलू शेयर बाजार पिछले सप्ताह लगभग डेढ़ प्रतिशत तक टूट गए। आने वाले सप्ताह में बाजार की नजर अप्रैल महीने के खुदरा और थोक महंगाई दर के आंकड़ों पर टिकी रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1047.52 अंक यानी 1.3 प्रतिशत गिरकर सप्ताहांत पर 79,454.47 अंक पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 338.7 अंक यानी 1.4 प्रतिशत टूटकर 24,008.00 अंक पर आ गया।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली हावी
बड़ी कंपनियों के साथ-साथ मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जोरदार बिकवाली देखने को मिली। बीएसई मिडकैप 596.37 अंक यानी 1.4 प्रतिशत गिरकर 42,111.50 अंक और स्मॉलकैप 623.59 अंक यानी 1.3 प्रतिशत गिरकर 46,741.95 अंक पर बंद हुआ।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, भारत-पाकिस्तान तनाव के बावजूद घरेलू निवेशकों की धारणा पर इसका सीमित प्रभाव पड़ा है। अप्रैल में विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) और रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत दिया। कमजोर अमेरिकी डॉलर और स्थिर कच्चे तेल की कीमतों ने भी विदेशी निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है।
वैश्विक सकारात्मक संकेतों से Market को सहारा
भारत और ब्रिटेन के बीच संभावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) ने कपड़ा, ऑटोमोबाइल और आईटी क्षेत्रों में तेजी का समर्थन किया। वैश्विक स्तर पर भी संकेत उत्साहवर्धक रहे हैं। अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता की संभावित बहाली और अमेरिका-ब्रिटेन व्यापार समझौते को लेकर बढ़ती उम्मीदों ने वैश्विक बाजारों को सहारा दिया।
इसके अलावा, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा ब्याज दरों में कटौती के फैसले ने क्षेत्रीय बाजारों में भी सकारात्मक माहौल बनाया।
महंगाई के आंकड़े तय करेंगे Market की दिशा
अगले सप्ताह भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़े जारी होंगे।
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि महंगाई दर में कुछ नरमी देखने को मिल सकती है।
हालांकि भारत-पाकिस्तान के बीच जारी भू-राजनीतिक तनाव एक बड़ा जोखिम बना रहेगा।
बाजार को भरोसा है कि भारत अपनी कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य ताकत के जरिए इस संकट को जल्द सुलझा सकता है।
सप्ताहभर Market में दिखी भारी उठापटक
सोमवार को ऑटो, तेल एवं गैस, एनर्जी और सर्विसेस समूहों में लिवाली से सेंसेक्स 294.85 अंक बढ़कर 80,796.84 और निफ्टी 114.45 अंक चढ़कर 24,461.15 अंक पर रहा।
मंगलवार को वैश्विक चिंताओं और बिकवाली के दबाव से सेंसेक्स 155.77 अंक गिरकर 80,641.07 और निफ्टी 81.55 अंक टूटकर 24,379.60 पर बंद हुआ।
बुधवार को एफटीए वार्ता और एफआईआई की लिवाली से बाजार ने फिर तेजी पकड़ी। सेंसेक्स 105.71 अंक चढ़कर 80,746.78 और निफ्टी 34.80 अंक बढ़कर 24,414.40 अंक पर रहा।
गुरुवार को भारत-पाक तनाव बढ़ने से बिकवाली का दबाव दिखा। सेंसेक्स 411.97 अंक टूटकर 80,334.81 और निफ्टी 140.60 अंक गिरकर 24,273.80 अंक पर आ गया।
शुक्रवार को तनाव चरम पर पहुंचने से बाजार में हाहाकार मचा। सेंसेक्स 880.34 अंक गिरकर 79,454.47 और निफ्टी 265.80 अंक टूटकर 24,008.00 अंक पर बंद हुआ।
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