यूनान ने Syria से 33 नागरिकों को सुरक्षित निकाला, सशस्त्र विपक्ष द्वारा सत्ता कब्जे के बाद की वापसी
यूनान सरकार ने Syria में जारी संकट के बीच अपने 33 नागरिकों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षित रूप से देश वापस लाने में सफलता प्राप्त की है। यह कदम Syria में सशस्त्र विपक्ष द्वारा दमिश्क पर कब्जा करने और राष्ट्रपति बशर अल-असद के पद छोड़ने के बाद उठाया गया। इस महत्वपूर्ण निकासी ऑपरेशन को यूनान के विदेश मंत्रालय ने समन्वित रूप से दमिश्क और बेरूत में स्थित यूनान के दूतावासों की मदद से अंजाम दिया।
Syria में सत्ता संघर्ष और यूनानी नागरिकों की सुरक्षित वापसी
Syria में हाल के घटनाक्रमों ने देश को एक बार फिर से गंभीर संकट में डाल दिया है। 8 दिसंबर को सीरिया के सशस्त्र विपक्षी समूहों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया, जिससे राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का पतन हो गया। असद, जो लंबे समय से सत्ता में थे, ने बाद में सीरिया छोड़ने का निर्णय लिया और रूस में शरण ली। सीरियाई संघर्ष में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल बन गया।
यूनान सरकार ने इस संकट का सामना करते हुए अपने नागरिकों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षित वापस लाने का फैसला किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह प्रक्रिया यूनान के दूतावासों द्वारा समन्वित प्रयासों के माध्यम से संभव हुई। 30 दिसंबर को 33 यूनानी नागरिकों और उनके परिवारों को सीरिया से सुरक्षित निकालने में सफलता मिली।
विदेश मंत्रालय का बयान और सहायता की प्रतिबद्धता
यूनान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, “सीरिया से 33 यूनानी नागरिकों और उनके परिवार के सदस्यों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय ने दमिश्क और बेरूत स्थित अपने दूतावासों के समन्वय में कार्य किया।” मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस संकट के दौरान यूनान सरकार ने नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्परता दिखाई और उन्हें सुरक्षित घर वापसी का मार्ग सुनिश्चित किया।
Syria के अंदर मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए, विदेश मंत्रालय ने अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए, नागरिकों की सुरक्षा के लिए आगे भी जरूरी कदम उठाने की बात की। यह कदम यूनान के सुरक्षा और कूटनीतिक प्रयासों का हिस्सा था, ताकि Syria में फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके।
Syria में असद सरकार का पतन और विपक्ष का कब्जा
Syria में 2011 से जारी गृह युद्ध के कारण अस्थिरता का माहौल रहा है। हालांकि, बशर अल-असद की सरकार ने पहले रूस और ईरान के समर्थन से कई क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत की थी, लेकिन 8 दिसंबर को सशस्त्र विपक्षी समूहों द्वारा दमिश्क पर कब्जा कर लिया गया। इसके बाद सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद ने पद छोड़ने का फैसला किया और रूस चले गए।
रूसी अधिकारियों के अनुसार, बशर अल-असद ने संघर्ष में शामिल विभिन्न पक्षों से बातचीत के बाद यह कदम उठाया। इस निर्णय ने सीरिया में राजनीतिक अस्थिरता को और भी गहरा कर दिया। असद के पलायन के बाद सीरिया में सत्ता की स्थिति और भी जटिल हो गई है।
नए अंतरिम प्रधानमंत्री का नियुक्ति और भविष्य की योजना
Syria के सशस्त्र विपक्षी समूहों ने इदलिब क्षेत्र से अपने प्रशासन को संचालित किया है और मोहम्मद अल-बशीर को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया। बशीर ने घोषणा की कि एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है, जो मार्च 2025 तक शासन करेगी। यह नई सरकार अस्थिरता और संघर्ष के बीच सीरिया के भविष्य को दिशा देने का प्रयास करेगी। हालांकि, इस नई सरकार की वैधता और इसके कार्यान्वयन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि देश में युद्ध और राजनीतिक उथल-पुथल जारी है।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
Syria में सत्ता परिवर्तन के बाद, न केवल देश की आंतरिक राजनीति बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में अस्थिरता की लहर फैलने की संभावना है। इस संकट का प्रभाव न केवल सीरिया, बल्कि पड़ोसी देशों जैसे तुर्की, इराक, और जॉर्डन पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा, रूस और पश्चिमी शक्तियां भी इस बदलाव के प्रति अपनी प्रतिक्रिया देने में सक्रिय हैं, जो वैश्विक राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकती है।
यूनान के लिए, अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें संकटग्रस्त क्षेत्रों से सुरक्षित बाहर निकालना प्राथमिकता रही है। यह ऑपरेशन यूनान की कूटनीतिक सफलता का प्रतीक है और भविष्य में इस तरह के संकटों से निपटने के लिए एक मॉडल हो सकता है।
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