चीन का खतरनाक वायरस HMPV भारत में भी पहुंचा: बेंगलुरु में पहला केस सामने आया
हाल ही में चीन में फैल रहे खतरनाक HMPV (ह्यूमन मेटापनेयूमोवायरस) वायरस ने भारत में भी दस्तक दी है। बेंगलुरु में इस वायरस का पहला मामला सामने आया है, जिसके बाद भारत सरकार ने इसके प्रसार को रोकने के लिए कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। यह वायरस खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, और इसके प्रकोप के कारण चीन में कई राज्य इमरजेंसी घोषित कर चुके हैं। आइए जानते हैं HMPV वायरस के बारे में विस्तार से, इसके प्रभाव और भारत में इसके संभावित खतरों के बारे में।
HMPV वायरस: एक खतरनाक खतरा
HMPV (ह्यूमन मेटापनेयूमोवायरस) एक प्रकार का वायरस है जो आमतौर पर सांस संबंधी बीमारियों को जन्म देता है। यह वायरस पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का सदस्य है, जो वायरल संक्रमण की वजह से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। HMPV वायरस का सबसे पहला पता 2001 में नीदरलैंड्स में चला था, जब इसे सांस की बीमारियों के मरीजों के नमूनों में पाया गया था। इसके बाद यह वायरस कई देशों में फैल चुका है और अब भारत में भी इसके फैलने की संभावना जताई जा रही है।
बेंगलुरु में HMPV का पहला मामला
बेंगलुरु में 8 महीने के बच्चे में HMPV वायरस का पता चला है। बच्चा बुखार और सांस संबंधी समस्याओं के साथ एक निजी अस्पताल में भर्ती हुआ था। ब्लड टेस्ट के बाद, एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई, और लैब द्वारा इसकी जांच में यह वायरस पाया गया। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस के मामलों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अस्पतालों ने इसकी पहचान की पुष्टि की है।
चीन में HMPV का प्रकोप
चीन में HMPV वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और यह वायरस अब एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। चीनी सरकार ने कई राज्यों में इमरजेंसी घोषित कर दी है और मास्क पहनने के उपाय फिर से अनिवार्य कर दिए हैं। इस वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ा है, और अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। चाइल्ड वॉर्ड में सबसे ज्यादा संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं, जो इस वायरस के तेजी से फैलने का संकेत देता है।
भारत सरकार का अलर्ट और तैयारी
भारत सरकार ने चीन में HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपनी स्थिति को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके प्रसार की संभावना को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है और देश भर में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से, सरकार ने सांस संबंधी लक्षणों और इन्फ्लूएंजा के मामलों की बारीकी से निगरानी करने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, ICMR (Indian Council of Medical Research) ने HMPV वायरस के ट्रेंड्स पर नजर रखने के लिए अपनी निगरानी टीमों को सक्रिय कर दिया है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) को भी इस वायरस की निगरानी रखने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके। सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से ताजा अपडेट्स प्राप्त करने के लिए भी संपर्क किया है।
HMPV वायरस के फैलने का तरीका और खतरे
HMPV वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलता है। यह वायरस सर्दियों में ज्यादा फैलता है, और इसके संक्रमण से खासकर श्वसन तंत्र प्रभावित होता है। इसका संक्रमण बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इस वायरस के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, गला खराब होना और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV वायरस लंबे समय से व्यापक रूप से फैल चुका है और इसके प्रकोप का असर हर मौसम में देखा जा सकता है। इसका खतरा ज्यादा सर्दियों के दौरान होता है, जब लोग ज्यादातर समय बंद जगहों पर रहते हैं और संक्रमण तेजी से फैलता है।
HMPV के उपचार और सावधानियां
HMPV वायरस का कोई खास इलाज नहीं है, और इसके उपचार का मुख्य उद्देश्य लक्षणों को कम करना है। बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती होकर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत भी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से बचने के लिए सामान्य स्वास्थ्य और सफाई की आदतों का पालन करना चाहिए, जैसे हाथ धोना, खांसते या छींकते समय मुँह और नाक को ढकना, और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना।
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