Zelensky की रूस से बातचीत को लेकर नई स्थिति, अमेरिका से मांगी शर्तें
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति Zelensky ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह रूस के साथ सीधी बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों के साथ साझा योजना की आवश्यकता होगी। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और यूरोपीय संघ के सहयोगी देशों का दबाव बढ़ रहा है कि यूक्रेन को युद्ध समाप्त करने के लिए रूस से बातचीत करनी चाहिए।
रूस के साथ बातचीत के लिए Zelenskyकी शर्तें
Zelensky ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, “हम अमेरिका और हमारे सहयोगियों के साथ किसी भी बातचीत के लिए तैयार हैं, अगर वे हमें हमारे विशिष्ट अनुरोधों के लिए विशिष्ट उत्तर देते हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में आम सहमति पर पहुंचते हैं।” Zelensky ने स्पष्ट किया कि यदि पुतिन के साथ बातचीत करनी है, तो उसे एक ठोस और सुनियोजित कदम के रूप में किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि यूक्रेन केवल अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों के साथ योजना तैयार करने के बाद ही रूस के साथ वार्ता में शामिल होगा।
इस बयान के साथ ही Zelensky ने यह भी कहा कि उनकी सरकार रूस के साथ युद्ध को खत्म करने के लिए तभी कदम उठाएगी जब उन्हें और उनके सहयोगियों को यह विश्वास हो कि रूस से समझौता उनके देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए सुरक्षित रहेगा। रूस से सीधी बातचीत की प्रक्रिया को लेकर उनके सलाहकार दिमित्रो लिट्विन ने पहले ही इस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी और कहा था कि फिलहाल रूस के साथ बातचीत की कोई योजना नहीं है।
ट्रंप का यूक्रेन पर बयान और यूरोप में बैठकें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए पुतिन से बात करने की अपनी इच्छा जताई थी। ट्रंप ने कहा था कि वह यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध समाप्त करने के लिए एक समझौते की दिशा में काम करेंगे। इस बयान के बाद, ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को यूरोप में कई बैठकें कीं। हालांकि, Zelensky ने चेतावनी दी कि यदि कोई समझौता पुतिन के हितों को पूरा करने वाला हो तो वह उसे स्वीकार नहीं करेंगे। उनका कहना था कि रूस से समझौते से पहले एक ठोस रणनीति बनाई जानी चाहिए, जिससे पुतिन को रोका जा सके।
अमेरिका का दबाव और यूक्रेन की चिंताएं
यूक्रेन के यूरोपीय समर्थक देशों को यह चिंता है कि डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन को असंतोषजनक शांति समझौते के लिए मजबूर कर सकते हैं, जो कि रूस के लिए फायदेमंद होगा। इन देशों को डर है कि ऐसा करने से पुतिन को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिल सकती है, जिससे यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान हो सकता है।
ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि यूक्रेन को अपने कुछ क्षेत्र को रूस को देना पड़ सकता है, जो यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। इसके अलावा, वॉशिंगटन ने कीव के लिए नाटो सदस्यता को अव्यावहारिक भी बताया है, जिससे यूक्रेन के यूरोपीय समर्थकों के बीच असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
अमेरिका और यूरोप का यूक्रेन के लिए रुख
अमेरिकी और यूरोपीय संघ के कुछ नेताओं के विचार हैं कि यूक्रेन को युद्ध समाप्त करने के लिए रूस के साथ बातचीत करनी चाहिए। इस रुख का उद्देश्य युद्ध को जल्द समाप्त करना है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और विनाश कम हो सके। हालांकि, यूक्रेन के लिए यह आसान नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि किसी भी शांति समझौते में रूस को किसी भी तरह की रणनीतिक जीत नहीं मिलनी चाहिए, जो कि यूक्रेनी संप्रभुता के लिए खतरा हो।
यूक्रेन ने स्पष्ट किया है कि वह तब तक रूस से बातचीत करने के लिए तैयार नहीं होगा, जब तक अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों के साथ एक सुसंगत और सुरक्षित योजना तैयार नहीं हो जाती। Zelensky का यह बयान अमेरिका और यूरोप के बीच इस मुद्दे पर सहमति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नाटो और ट्रंप प्रशासन की भूमिका
नाटो सदस्यता के बारे में वाशिंगटन का रुख यह दर्शाता है कि यूक्रेन को जल्द ही नाटो का सदस्य बनने की उम्मीद नहीं है। कुछ अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि नाटो सदस्यता यूक्रेन के लिए अव्यावहारिक हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब रूस के साथ उनके संबंध इतने तनावपूर्ण हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का रुख और उनकी नीतियों को लेकर यूक्रेन के नेताओं और यूरोपीय देशों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कई यूरोपीय देशों को डर है कि ट्रंप अपने रूस के साथ अच्छे रिश्तों के कारण यूक्रेन को दबाव में डाल सकते हैं, जिससे यूक्रेन को रूस के साथ असंतोषजनक समझौते पर सहमति जतानी पड़े।
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