अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ : 2024 में Forest और जलवायु मंत्रालय की बड़ी सौगात-Modi

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“अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ : 2024 में Forest और जलवायु मंत्रालय की बड़ी सौगात-Modi”

केन्द्रीय पर्यावरण, Forest एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तत्वावधान में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के उद्घोष के साथ 2024 में चलाया गया वृक्षारोपण अभियान पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आया है। इस अभियान ने न केवल पर्यावरण को सुदृढ़ किया, बल्कि भारत के Forest एवं जलवायु संरक्षण प्रयासों को भी नई दिशा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस अभियान को शुरू किया गया और इसमें देशभर के नागरिकों, किसानों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

वृक्षारोपण अभियान और बढ़ी हुई सक्रियता

Modi ने 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इस वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की और लोगों को अपने मातृभूमि के प्रति सम्मान और प्रेम के प्रतीक के रूप में पेड़ लगाने का आह्वान किया। इस पहल में, पर्यावरण के संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के उद्देश्य से देशभर में 102 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं। मंत्रालय के अनुसार, मार्च 2025 तक इस अभियान का लक्ष्य 140 करोड़ पेड़ लगाने का है।

लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट योजना

Modi: इसी के साथ, मंत्रालय ने इस वर्ष 26 सितंबर को ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ (LIFE) के अनुरूप इको-मार्क नियमावली अधिसूचित की। यह योजना 1991 की इको-मार्क योजना को प्रतिस्थापित करते हुए पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों की मांग को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऊर्जा की खपत, संसाधन दक्षता और सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगी। इस योजना का उद्देश्य सटीक लेबलिंग और भ्रामक जानकारी से बचना है ताकि उपभोक्ताओं को सही पर्यावरणीय विकल्प मिल सकें।

भारत की जलवायु क्रियावली और वैश्विक दृषटिकोन

Modi: भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति बनाई है। देश के अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) और 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य के तहत कई कदम उठाए गए हैं। भारत ने वैश्विक जीएचजी उत्सर्जन में मामूली योगदान देने के बावजूद जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रभावी प्रयास किए हैं। भारत ने 2005 से 2019 के बीच सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 33% की कमी की है, और अब 2030 तक उत्सर्जन तीव्रता में 45% की कमी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन कैप्चर

Modi: भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से कुल विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता का 46.52% हासिल किया है। इसके साथ ही, कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (CCUS) को औद्योगिक और बिजली क्षेत्र में कार्बन मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण उपायों के रूप में देखा गया है। भारत के इन कदमों से जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिल रही है और साथ ही यह वैश्विक स्तर पर भारत की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।

मैंग्रोव संरक्षण और पुनर्स्थापन योजना

Modi: 5 जून को शुरू की गई ‘तटीय आवास और मूर्त आय मैंग्रोव पहल (MISHTI)’ का उद्देश्य मैंग्रोव के इकोसिस्टम को बहाल करना और तटीय आवासों की स्थिरता को संरक्षित करना है। इस योजना के तहत लगभग 22,561 हेक्टेयर खराब मैंग्रोव क्षेत्र को पुनर्स्थापित किया गया है। इसके अलावा, देश के छह राज्यों में कुल 17.96 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है ताकि वहां के मैंग्रोव क्षेत्र को पुनर्स्थापित किया जा सके।

भारत और वैश्विक दक्षिण का सहयोग

Modi: भारत ने 17 अगस्त को तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन’ की मेज़बानी की, जिसमें वैश्विक दक्षिण के देशों को सशक्त बनाने और एकजुट होने का आह्वान किया गया। यह सम्मेलन सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में वैश्विक दक्षिण की भूमिका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु न्याय, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विकासशील देशों को जलवायु वित्त देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत वन स्थिति रिपोर्ट और स्थिरता की दिशा में प्रगति

Modi: 2024 में जारी भारतीय Forest सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, देश का Forest और वृक्ष आवरण अब 8,27,357 वर्ग किमी तक पहुंच गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और न केवल वनावरण में वृद्धि हो रही है, बल्कि देश के कार्बन स्टॉक में भी वृद्धि देखी जा रही है।

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