PM Modi ने कालाहांडी की ‘सब्जी क्रांति’ की सराहना की, किसानों की संकल्प शक्ति का किया जिक्र
PM Modi ने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में ओडिशा के कालाहांडी जिले की विशेष चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र को लेकर कहा कि कालाहांडी का नाम पहले हमेशा चर्चा में आता था, लेकिन आज वहां के किसानों के समर्पण और मेहनत के कारण वह सब्जी क्रांति का प्रतीक बन चुका है। PM Modi ने बताया कि कम संसाधनों के बावजूद कालाहांडी में किसानों ने जबरदस्त सफलता हासिल की है और वहां सैकड़ों एकड़ भूमि पर अब सब्जियों का उत्पादन हो रहा है।
कालाहांडी की ‘सब्जी क्रांति’ का अद्वितीय उदाहरण
PM Modi ने कालाहांडी जिले की उस ‘सब्जी क्रांति’ की बात की, जो आज पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। उन्होंने कहा, “कालाहांडी, जो पहले पानी की कमी और पलायन के कारण हमेशा चर्चा में रहा, आज वहां के किसान अपनी मेहनत और लगन से एक नई गाथा लिख रहे हैं। इस परिवर्तन का नेतृत्व कर रहे हैं कालाहांडी के गोलामुंडा ब्लॉक के किसान, जो अब ‘वेजिटेबल हब’ के रूप में पहचान बना चुके हैं।”
शुरुआत का जिक्र
PM Modi ने कालाहांडी में हुई इस क्रांति की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा कि यह सफर महज 10 किसानों के एक छोटे से समूह से शुरू हुआ था। इन किसानों ने मिलकर एक किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) की स्थापना की और खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना शुरू किया। आज इस एफपीओ का कारोबार करोड़ों रुपये तक पहुंच चुका है। यह एफपीओ अब 200 से अधिक किसानों को एक साथ जोड़ चुका है, जिनमें 45 महिला किसान भी शामिल हैं।
खेती के तरीकों में बदलाव
PM Modi ने बताया कि इस एफपीओ के तहत किसानों ने 200 एकड़ भूमि पर टमाटर की खेती और 150 एकड़ में करेले की खेती की। कालाहांडी में अब आलू और प्याज की खेती के लिए नई तकनीकें अपनाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कालाहांडी की सब्जियां अब न केवल ओडिशा के विभिन्न जिलों में, बल्कि दूसरे राज्यों में भी पहुंच रही हैं। इससे यह साबित होता है कि कठिन परिस्थितियों में भी अगर मेहनत और सही दिशा में काम किया जाए तो सफलता मिलती है।
संकल्प शक्ति और सामूहिक प्रयास का महत्व
PM Modi ने कालाहांडी की सफलता को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा, “कालाहांडी की यह सफलता हमें यह सिखाती है कि संकल्प शक्ति और सामूहिक प्रयास से क्या नहीं किया जा सकता। जब किसान एकजुट होते हैं और सही दिशा में काम करते हैं, तो बड़ी से बड़ी मुश्किलों को पार किया जा सकता है।”
PM Modi ने यह भी कहा कि हम सभी को अपने क्षेत्र में एफपीओ को प्रोत्साहित करना चाहिए। किसानों को एकजुट करने और उन्हें एक मंच पर लाने के लिए एफपीओ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एफपीओ के जरिए किसान अपनी मेहनत का सही मूल्य प्राप्त कर सकते हैं और अपने उत्पादों को बड़े बाजारों में बेच सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि “छोटी शुरुआत से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं।”
एफपीओ के लाभ
एफपीओ किसानों के सामूहिक प्रयासों का एक बेहतरीन उदाहरण हैं। इसके माध्यम से किसान अपनी समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम होते हैं और एक साथ मिलकर बेहतर उत्पाद प्राप्त करने में सफल होते हैं। यह संगठन किसानों को बेहतर विपणन, उन्नत तकनीक और वित्तीय मदद प्रदान करता है, जो उन्हें अपने उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। एफपीओ की मदद से किसानों को कृषि उत्पादों का अच्छा मूल्य मिलता है और वे अपनी आमदनी को दोगुना करने में सक्षम होते हैं।
PM Modi का संदेश
PM Modi ने आगे कहा कि हमें एफपीओ की अवधारणा को और अधिक बढ़ावा देना चाहिए ताकि देशभर में किसानों का उत्थान हो सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि टीम भावना और दृढ़ संकल्प से किसी भी क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कालाहांडी के किसानों की संघर्षशीलता और मेहनत को सलाम किया और उनके काम को पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।
PM Modi ने इस उदाहरण को देते हुए यह भी कहा कि, “कालाहांडी जैसे कठिन क्षेत्र में जहां पहले किसान पलायन करने को मजबूर थे, वहां अब विकास और समृद्धि की नई कहानी लिखी जा रही है। इसने हमें यह सिखाया है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर हम सब मिलकर काम करें और एक लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें, तो कोई भी कठिनाई हमसे नहीं जीत सकती।”
ओडिशा के किसानों की सफलता की कहानी
PM Modi ने ओडिशा के किसानों की सफलता को लेकर कहा, “यह कालाहांडी की नई पहचान है, जहां अब किसानों की मेहनत और तकनीकी विकास ने सब्जी क्रांति को जन्म दिया है। यह सफलता उन सभी किसानों के लिए एक बड़ा संदेश है, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखते हैं।”
उन्होंने अंत में कहा, “मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप भी अपने क्षेत्र में एफपीओ को प्रोत्साहित करें, उनसे जुड़ें और उन्हें और अधिक मजबूत बनाने में मदद करें। यह न केवल कृषि क्षेत्र में बदलाव लाएगा, बल्कि किसानों की जीवनशैली को भी बेहतर बनाएगा।”
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