विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गैर-संचारी रोगों (NCDs) जैसे मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग के बढ़ते वैश्विक बोझ को देखते हुए “3 by 35” नामक एक महत्वाकांक्षी वैश्विक पहल की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य है:
2035 तक तंबाकू, शराब और मीठे पेय पदार्थों की कीमतों में कम से कम 50% की वृद्धि करना, ताकि इनकी खपत घटे और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राजस्व बढ़े।
🎯 मुख्य उद्देश्य और प्रभाव
- 50% मूल्य वृद्धि से अगले 50 वर्षों में 5 करोड़ अकाल मौतों को रोका जा सकता है
- $1 ट्रिलियन (लगभग ₹83 लाख करोड़) का अतिरिक्त वैश्विक राजस्व जुटाने का लक्ष्य
- यह धनराशि स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा में निवेश की जाएगी
🧪 प्रमुख तथ्य और पृष्ठभूमि
बिंदु | विवरण |
---|---|
पहल का नाम | 3 by 35 |
लक्ष्य वर्ष | 2035 |
लक्षित उत्पाद | तंबाकू, शराब, मीठे पेय पदार्थ |
अनुमानित प्रभाव | 50 मिलियन अकाल मौतों की रोकथाम, $1 ट्रिलियन राजस्व |
WHO का तर्क | “Health taxes are one of the most efficient tools we have” — डॉ. जेरेमी फर्रार |
🌍 वैश्विक उदाहरण और चुनौतियाँ
- 2012–2022 के बीच 140 देशों ने तंबाकू पर कर बढ़ाए, जिससे औसतन 50% मूल्य वृद्धि हुई
- कोलंबिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में स्वास्थ्य करों से खपत में गिरावट और राजस्व में वृद्धि देखी गई
- कई देश अब भी तंबाकू उद्योग को कर रियायतें देते हैं, जिससे स्वास्थ्य नीति कमजोर होती है
🧭 WHO की रणनीति
- स्वास्थ्य करों को पुनर्जीवित करना
- देशों को तकनीकी सहायता देना (कानूनी ढांचा, कर प्रशासन, नीति समर्थन)
- सार्वजनिक संवाद और राजनीतिक समर्थन को बढ़ावा देना
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