टिकट कटने पर AAP में बड़ी बगावत, पूरी टीम ने इस्तीफा देकर किया ऐलान

By Editor
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तिमारपुर में AAP की बड़ी बगावत: दिलीप पांडेय का टिकट कटने पर कार्यकर्ताओं ने दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (AAP) में एक बड़ी बगावत देखने को मिल रही है। तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र से AAP के वरिष्ठ नेता और विधायक दिलीप पांडेय का टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों में नाराजगी फैल गई है। इस फैसले के खिलाफ तिमारपुर में पार्टी की पूरी विंग ने एक साथ अपने पदों से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इस बगावत का केंद्र बिंदु दिलीप पांडेय का टिकट कटना और पार्टी के फैसले के खिलाफ खड़े होने वाले कार्यकर्ता हैं।

पांडेय के समर्थकों का विरोध और इस्तीफा

दिलीप पांडेय, जो तिमारपुर से पिछले कई वर्षों से विधायक रहे हैं, उनका टिकट अचानक काटे जाने के बाद उनके समर्थकों में गुस्सा और नाराजगी फैल गई है। इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे नए संभावित उम्मीदवार के लिए काम नहीं करेंगे। एक वायरल वीडियो में दर्जनों कार्यकर्ता एकजुट होकर पार्टी के फैसले का विरोध करते हुए दिख रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि, “हम आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, तिमारपुर विधानसभा, हम सारे लोग अपनी पार्टी की सदस्यता से नहीं, बल्कि अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।”

इस वीडियो में एक महिला कार्यकर्ता रोते हुए यह कहते हुए दिखाई दे रही है कि वह इस फैसले से आहत हैं और दिलीप पांडेय के टिकट कटने की वजह AAP ने नहीं बताई। उनका कहना था कि वह तिमारपुर से दिलीप पांडेय को ही फिर से उम्मीदवार देखना चाहते थे, क्योंकि उन्होंने पहले भी पार्टी के लिए कई चुनावों में काम किया था।

तिमारपुर विधानसभा की स्थिति

तिमारपुर विधानसभा, जो दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण और राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में से एक मानी जाती है, अब एक नए विवाद का केंद्र बन चुकी है। दिलीप पांडेय के समर्थक यह मानते हैं कि उनकी मेहनत और पार्टी के लिए किए गए कार्यों के बावजूद उन्हें हाशिये पर रखा गया है। एक ओर जहां पांडेय ने पार्टी में रहते हुए पार्टी के निर्णय को माना है, वहीं उनके समर्थक यह महसूस कर रहे हैं कि उनके नेता के साथ अन्याय किया गया है।

इस बगावत का असर AAP के आंतरिक मामलों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि एक साथ इतने सारे कार्यकर्ताओं का इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कार्यकर्ता यह भी कह रहे हैं कि वे किसी भी नए उम्मीदवार के लिए काम नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें भरोसा नहीं है कि पार्टी ने सही निर्णय लिया है।

“दिलीप पांडेय का टिकट क्यों काटा गया?”

इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी मांग यह है कि पार्टी यह स्पष्ट करे कि दिलीप पांडेय का टिकट क्यों काटा गया। उनका कहना है कि जब तक इस फैसले की सही वजह नहीं बताई जाती, तब तक वे अपने पदों से इस्तीफा देकर काम नहीं करेंगे। कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर यह भी कहा कि, “हम तीन चुनावों में अपनी मेहनत और दिलीप पांडेय के साथ खड़े रहे हैं, लेकिन अब जब टिकट काटा गया है, तो हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।”

उनका यह भी कहना था कि यह कोई व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पार्टी की नीतियों और कार्यकर्ताओं की मेहनत को नजरअंदाज करने का परिणाम है। कार्यकर्ताओं का यह भी मानना था कि दिलीप पांडेय एक सक्षम नेता हैं और उनकी जगह किसी और को तिमारपुर से उम्मीदवार बनाना पार्टी के लिए उचित नहीं है।

AAP की स्थिति और प्रतिक्रिया

इस बगावत के बाद AAP के नेताओं और संगठन के लिए तिमारपुर विधानसभा में स्थिति को संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस बगावत पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह तय है कि यह निर्णय पार्टी के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी को अब अपने कार्यकर्ताओं के गुस्से को शांत करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

यह बगावत AAP की अंदरूनी राजनीति को भी उजागर करती है, जहां एक ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता फैसले का सम्मान करते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके समर्थक फैसले से असहमत हैं। इस बगावत के बाद पार्टी को अपनी संचार रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह के विरोध प्रदर्शन न हों।

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