Amit Shah का बस्तर दौरा: नक्सलियों के सुरक्षित ठिकानों में घुसने की तैयारी
केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah इन दिनों छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में हैं। रविवार से बस्तर के विभिन्न इलाकों का दौरा कर रहे Amit Shah आज सोमवार को नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकानों में से एक क्षेत्र गुंडम में जाने वाले हैं। इस कार्यक्रम में उनका मुख्य उद्देश्य सुरक्षा बलों के साथ संवाद करना और नक्सल प्रभावित गांवों का दौरा करना है। प्रशासन ने हालांकि इस यात्रा के कार्यक्रम को सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार Amit Shah गुंडम क्षेत्र में खुले सुरक्षाबल कैंप में जाएंगे, जो नक्सलियों के लिए एक प्रमुख ठिकाना है।
गुंडम: नक्सलियों का सबसे बड़ा सेफ जोन
गुंडम क्षेत्र छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिलों के बॉर्डर पर स्थित है और यह नक्सलियों का सबसे बड़ा सेफ जोन माना जाता है। यहां नक्सलियों की बटालियनों का मुख्यालय है और डीकेएसजेडसी (दक्षिण छत्तीसगढ़ और तेलंगाना नक्सल कमेटी) के बड़े नेता जैसे दामोदर और विकास का प्रभाव है। गुंडम और इसके आसपास के क्षेत्र में तेलंगाना स्टेट कमेटी के सचिव दामोदर सक्रिय हैं। यह इलाका नक्सलियों के साजिश रचने का प्रमुख केंद्र है, जहां सुरक्षा बलों पर हमले की रणनीतियां बनाई जाती हैं।
गुंडम क्षेत्र में नक्सलियों के प्रमुख कमांडर हिड़मा का भी गांव है, जो इस इलाके के लिए एक प्रमुख खतरा है। 2021 में, इसी इलाके के पास नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह मनाने के लिए 500-600 की संख्या में नक्सलियों को एकत्रित किया था, जिसमें लगभग 10,000 ग्रामीण भी शामिल हुए थे। इस आयोजन के दौरान, नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ के 21 जवान शहीद हो गए थे। इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि गुंडम और उसके आसपास का इलाका नक्सलियों के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।
सुरक्षाबलों की घेराबंदी: पूरी छावनी में तब्दील इलाका
सुरक्षा के लिहाज से, इस इलाके को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षाबलों द्वारा इन इलाकों की घेराबंदी की गई है और जवानों का एक बड़ा दल यहां तैनात है। प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाबलों के कैंप को स्थापित किया है, ताकि नक्सलियों के संभावित हमलों का सामना किया जा सके।
गुंडम और इसके आसपास के इलाकों में सुरक्षाबलों की उपस्थिति बढ़ाने से नक्सलियों पर दबाव बनाया जा सकता है और उन्हें अपनी गतिविधियां सीमित करने के लिए मजबूर किया जा सकता है। इस क्षेत्र में लगातार सुरक्षा अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य नक्सलियों के नेटवर्क को तोड़ना और सुरक्षा बलों के खिलाफ उनकी साजिशों को नाकाम करना है।
Amit Shah का उद्देश्य: नक्सलवाद पर कड़ी कार्रवाई और सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा
Amit Shah का बस्तर दौरा नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की कड़ी कार्रवाई और सुरक्षा की स्थिति का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी यात्रा से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों में अपनी रणनीति को और भी मजबूत करने की योजना बना रही है।
सुरक्षा बलों के साथ संवाद करने के अलावा, Amit Shah के दौरे का उद्देश्य यह भी है कि स्थानीय ग्रामीणों और नेताओं से मिलकर उनकी समस्याओं को समझा जा सके। इन इलाकों में नक्सलवाद से जूझ रहे लोग अक्सर सरकार से मदद की उम्मीद रखते हैं, और Amit Shah का यह कदम इस बात का संकेत है कि सरकार उन्हें सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की योजना: सुरक्षा बलों की मजबूत उपस्थिति
Amit Shah के इस दौरे से यह भी समझा जा सकता है कि सरकार नक्सलवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। सुरक्षा बलों की उपस्थिति इन क्षेत्रों में बढ़ाई जा रही है ताकि नक्सलियों के गतिविधियों पर काबू पाया जा सके। गुंडम जैसे खतरनाक इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती नक्सलियों के लिए एक चेतावनी है कि अब उनके खिलाफ सरकार और सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं।
सुरक्षाबलों के द्वारा किए गए ऑपरेशंस
बीते कुछ वर्षों में सुरक्षाबलों ने इन नक्सल प्रभावित इलाकों में कई ऑपरेशंस चलाए हैं, जिनमें कई बड़े नक्सली लीडर्स को ढेर किया गया है। इनमें से कई ऑपरेशंस की जानकारी अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक नहीं की जाती, लेकिन इन अभियानों ने नक्सलियों के नेटवर्क को काफी हद तक कमजोर किया है।
नक्सलियों के ठिकानों पर किए गए इन ऑपरेशनों में सुरक्षाबल कई बार शहरी और ग्रामीण इलाकों में घुसकर नक्सलियों के हथियारों और सामानों को जब्त करने में सफल रहे हैं। इसके बावजूद, नक्सलियों के खिलाफ जंग जारी है और सरकार का उद्देश्य नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त करना है।
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