Ayodhya दलित युवती हत्याकांड: साधु-संतों का सांसद अवधेश प्रसाद से इस्तीफे की मांग

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Ayodhya दलित युवती हत्याकांड: सपा सांसद अवधेश प्रसाद की नौटंकी पर सीएम योगी की तीखी प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के Ayodhya जिले में एक दलित युवती की दर्दनाक हत्या ने राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है। इस हत्याकांड पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा सांसद अवधेश प्रसाद के फूट-फूटकर रोने को “नौटंकी” करार दिया। साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच में पता चलेगा कि इस हत्या में समाजवादी पार्टी का कोई कार्यकर्ता जरूर शामिल होगा। इस घटना ने न सिर्फ दलित समुदाय के बीच गुस्सा पैदा किया, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी तूफान मचा दिया है।

साधु-संत समाज की प्रतिक्रिया: सांसद को इस्तीफा देने की मांग

Ayodhya में दलित युवती की हत्या के बाद साधु-संत समाज ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। महराज दिवाकराचार्य ने कहा कि Ayodhya की घटना अत्यंत दुखद है और प्रशासन को जल्द से जल्द दलित बिटिया को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा सांसद अवधेश प्रसाद के घड़ियाली आंसू बहाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, “जब से अवधेश प्रसाद फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने हैं, तब से इस क्षेत्र में इस प्रकार की कई घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन उन्होंने कभी इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अब, जब एक दलित बिटिया की हत्या हुई है, तो वे राजनीति करने के लिए लाश पर आंसू बहा रहे हैं।”

साधु-संतों ने यह भी कहा कि अगर सांसद को दलितों से सच में प्रेम है, तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास करते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने सांसद से यह भी आग्रह किया कि वे पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें पार्टी के टिकट पर प्रत्याशी घोषित करें और फिर अपने क्षेत्र से सांसद बनें।

6 महीने पहले की घटना का जिक्र: आलोचना और सवाल

Ayodhya: राष्ट्रीय बाल संत अनुरागशरण जी महाराज ने भी इस घटना पर निंदा की और कहा कि यह कृत्य निंदनीय है। हालांकि, उन्होंने सपा सांसद के रोने को “पॉलीटिकल स्टंट” करार दिया। महाराज ने यह याद दिलाया कि छह महीने पहले Ayodhya के भादरसा में एक दलित युवती के साथ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ने अवैध संबंध बनाए थे, लेकिन उस समय सपा सांसद कहां थे? इस घटना पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, और अब एक दलित युवती की हत्या पर ही वे मीडिया के सामने रोने आ गए।

यह बयान इस तथ्य को उजागर करता है कि कई दलित और धार्मिक नेता सपा सांसद के कथित दयालु आंसुओं को केवल चुनावी ड्रामा मानते हैं। उनका कहना है कि जब सपा सरकार में ऐसी घटनाओं को लेकर आवाज नहीं उठाई गई, तो अब यह प्रतिक्रिया राजनीतिक फायदों के लिए है।

सपा सांसद की सफाई: आरोपों का खंडन

Ayodhya: सपा के उपाध्यक्ष शिव बरन यादव ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि सांसद अवधेश प्रसाद एक जमीनी नेता हैं, जिन्होंने हमेशा अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि सहनवा गांव की घटना बहुत ही दुखद है, और यह प्रशासन की नाकामी का परिणाम है। यादव ने यह भी कहा कि अगर प्रशासन सही तरीके से काम करता तो दलित बिटिया की मौत नहीं होती। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सांसद को प्रेस कांफ्रेंस करके रोने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उनकी संवेदनाएं हर किसी से ऊपर हैं।

सीएम योगी का बयान: सपा और माफिया का संबंध

Ayodhya: सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद के आंसुओं को सीधे तौर पर “नौटंकी” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना की जांच के बाद यह साफ हो जाएगा कि इसमें किसी सपा के कार्यकर्ता का हाथ है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “सपा हर माफिया के साथ खड़ी होती है और जब कोई घटना होती है, तो वह हमेशा उस पर पर्दा डालने की कोशिश करती है।”

सीएम योगी ने यह भी कहा कि सपा की छवि हमेशा से माफियाओं और आपराधिक तत्वों के साथ जुड़ी रही है, और यह घटना भी इस बात का प्रमाण है। उनका कहना था कि अगर सपा वास्तव में दलितों के साथ खड़ी होती, तो यह घटना और भी पहले रोकी जा सकती थी।

सपा सांसद की राजनीति पर सवाल

Ayodhya: सपा सांसद अवधेश प्रसाद का रोना और उसके बाद उनके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया को लेकर कई राजनीतिक जानकारों ने सवाल उठाए हैं। जानकारों का मानना है कि यह घटना सपा की राजनीति के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है। अगर पार्टी और उसके सांसद दलितों के प्रति सच्चे रूप से संवेदनशील होते, तो उन्हें इस प्रकार के चुनावी ड्रामे से बचना चाहिए था। इसके बजाय, दलितों के मुद्दों पर पूरी गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है, न कि लाशों के ऊपर राजनीति करने की।

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