Bank में वरिष्ठ नागरिकों की जमा राशि पर शतप्रतिशत बीमा कवर देने की मांग
लोकसभा में आज वरिष्ठ नागरिकों के Bank खातों में जमा राशि का शत प्रतिशत बीमा करने की मांग जोर-शोर से उठाई गई। भारतीय जनता पार्टी के नेता तेजस्वी सूर्या ने शून्य काल के दौरान इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया और कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के खातों की पूरी जमाराशि का बीमा किया जाना चाहिए ताकि वे Bank या गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों में जमा किए गए अपने पैसों से पूरी तरह सुरक्षित रह सकें।
बीमा की सीमा बढ़ाने की आवश्यकता
तेजस्वी सूर्या ने कहा कि मोदी सरकार के शासन में 2014 से बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं, जिनका उद्देश्य आम नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इनमें से एक महत्वपूर्ण सुधार 2021 में आया, जब Bank खातों में जमा राशि के बीमा का प्रावधान लागू किया गया। इसके तहत, अगर कोई Bank दिवालिया होता है तो उसके खातों में जमा राशि का बीमा किया जाता है।
हालांकि, वर्तमान में यह बीमा राशि पांच लाख रुपये तक सीमित है, जो कि कई मामलों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए पर्याप्त नहीं है। सूर्या ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के खातों में जमा राशि का बीमा 100 प्रतिशत किया जाना चाहिए ताकि उन्हें कोई आर्थिक नुकसान न हो।
निजी और सार्वजनिक Bank के खातों में समान सुरक्षा
तेजस्वी सूर्या ने यह भी प्रस्ताव रखा कि यह बीमा योजना सिर्फ सरकारी Bank तक सीमित न रहे, बल्कि गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) को भी इसमें शामिल किया जाए। उनके अनुसार, निजी और सार्वजनिक Bank के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों में भी लाखों वरिष्ठ नागरिकों का पैसा जमा है, जो उन्हें भविष्य में किसी भी संकट से सुरक्षित रखने के लिए बीमित होना चाहिए।
पिछले रिकॉर्ड से उठी चिंता
तेजस्वी सूर्या ने यह भी उल्लेख किया कि अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार करीब 78 प्रतिशत लोग ही अपने बीमित राशि का भुगतान पा चुके हैं, जबकि 22 प्रतिशत लोगों को अब तक कोई राहत नहीं मिली है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि बहुत से लोग बीमा राशि प्राप्त करने में असमर्थ रहे हैं, और ऐसे मामलों में वरिष्ठ नागरिकों की स्थिति और भी नाजुक हो सकती है।
समस्याओं का समाधान: पूरी जमा राशि का बीमा
सूर्या ने यह भी कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार को पूरी जमा राशि का बीमा सुनिश्चित करना चाहिए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार के वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े। यह विशेष रूप से उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपनी पेंशन या अन्य आर्थिक जरूरतों के लिए Bank में अपनी जमा राशि का उपयोग करते हैं। उनका कहना था कि वरिष्ठ नागरिकों की जमा राशि का बीमा करना सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए, ताकि उन्हें किसी भी वित्तीय संकट में बिना किसी चिंता के अपनी पूरी राशि मिल सके।
मॉनिटरी नियंत्रण और आर्थिक सुरक्षा
लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए तेजस्वी सूर्या ने यह भी सुझाव दिया कि बीमा राशि की सीमा को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस सीमा को पूरी जमा राशि तक बढ़ाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम मौजूदा मौद्रिक नियंत्रण और वित्तीय सुरक्षा प्रणाली को मजबूती देने के रूप में देखा जा सकता है।
अर्थव्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों की भूमिका
सूर्या ने यह भी बताया कि वरिष्ठ नागरिकों का योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, खासकर उनके द्वारा किए गए निवेश और बचत के रूप में। यह सुनिश्चित करना कि उनकी जमा राशि पूरी तरह से बीमित है, न केवल उनके वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि यह अर्थव्यवस्था में वृद्ध लोगों के विश्वास को भी बढ़ावा देगा।
सरकारी पहल और सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहले ही Bank क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिनमें डिजिटल भुगतान, Bank सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना, और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना शामिल है। इन सुधारों से आम आदमी, विशेषकर गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग, Bank प्रणाली का अधिक उपयोग करने में सक्षम हुए हैं। अब, इस प्रस्ताव का उद्देश्य है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी Bank प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित हो, ताकि उन्हें अपने वित्तीय अधिकारों की रक्षा मिल सके।
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