England में पहली बार कबड्डी विश्वकप की मेजबानी, 17 से 23 मार्च तक

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England में पहली बार कबड्डी विश्वकप: वेस्ट मिडलैंड्स में 17 से 23 मार्च तक ऐतिहासिक टूर्नामेंट

England में कबड्डी विश्वकप की मेज़बानी पहली बार हो रही है, जो खेल की वैश्विक पहचान और लोकप्रियता का प्रतीक है। 17 से 23 मार्च तक वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में आयोजित होने वाला यह टूर्नामेंट भारतीय खेल कबड्डी के वैश्विक विस्तार को दर्शाता है। इस ऐतिहासिक मौके पर विश्व कबड्डी के आयोजनकर्ताओं और स्थानीय अधिकारियों ने टूर्नामेंट की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की। इस टूर्नामेंट में करीब 50 मैच बर्मिंघम, कोवेंट्री, वॉल्सॉल और वॉल्वरहैम्प्टन जैसे शहरों में खेले जाएंगे।

कबड्डी का वैश्विक विस्तार और महत्व:

England: कबड्डी, एक प्राचीन भारतीय खेल, अपनी चार हज़ार साल पुरानी ऐतिहासिकता के बावजूद आज भी भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है। कबड्डी को 1936 में ओलंपिक खेलों में पेश किया गया था और 1990 से यह एशियाई खेलों का हिस्सा बना है। अब यह खेल एशिया से बाहर England में हो रहे कबड्डी विश्वकप के रूप में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।

England में कबड्डी का यह आयोजन खेल की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता का प्रतीक है और यह कड़ी मेहनत और प्रयास का नतीजा है, जिससे यह खेल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मशहूर हो चुका है।

विश्व कबड्डी के अध्यक्ष अशोक दास का बयान:

कबड्डी विश्वकप की मेज़बानी England में होना एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसे लेकर खिलाड़ियों, कोचों और दर्शकों में उत्साह का माहौल है। इस अवसर पर, विश्व कबड्डी के अध्यक्ष अशोक दास ने कहा कि इस टूर्नामेंट के आयोजक और खेल समुदाय दोनों ही इसे लेकर बहुत उत्साहित हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कबड्डी को पहली बार एशिया से बाहर ले जाना इस खेल के विकास का अहम संकेत है। साथ ही, उनका मानना है कि कबड्डी एक वैश्विक खेल के रूप में ओलंपिक तक पहुंचने का अपना रास्ता बना सकता है। यह खेल अब एक निवेश योग्य वैश्विक प्रस्ताव बन चुका है और इससे भविष्य में और अधिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा।

ब्रिटिश कबड्डी लीग का योगदान:

England: ब्रिटिश कबड्डी लीग के मुख्य कार्यकारी प्रेम सिंह ने भी इस आयोजन के महत्व पर चर्चा की। उनका कहना था कि कबड्डी विश्वकप को वेस्ट मिडलैंड्स में लाकर न केवल हजारों कबड्डी खिलाड़ियों का दशकों पुराना सपना साकार हुआ है, बल्कि यह ब्रिटिश कबड्डी लीग के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। 2022 में शुरू हुई ब्रिटिश कबड्डी लीग ने इस खेल के प्रति लोगों की रुचि को बढ़ाया है, और कबड्डी को एक नया मंच प्रदान किया है। यह विश्वास व्यक्त किया गया है कि कबड्डी विश्वकप ब्रिटिश कबड्डी लीग के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा, जिससे खेल के प्रति समुदायों की रुचि और भी बढ़ेगी।

विश्व कबड्डी टूर्नामेंट की खासियत:

England: कबड्डी विश्वकप में 17 से 23 मार्च तक कुल 50 मैच खेले जाएंगे, जो वेस्ट मिडलैंड्स के प्रमुख शहरों में आयोजित होंगे। बर्मिंघम, कोवेंट्री, वॉल्सॉल और वॉल्वरहैम्प्टन में आयोजित होने वाले ये मैच खेल प्रेमियों के लिए बड़े आकर्षण का केंद्र होंगे। यह आयोजन कबड्डी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का एक अहम कदम है और इसे लेकर स्थानीय अधिकारियों और आयोजकों में जोश और उत्साह साफ तौर पर देखा जा सकता है।

कबड्डी को वैश्विक मंच पर लाने की दिशा में कदम:

England: कबड्डी को ओलंपिक में शामिल करने की दिशा में यह टूर्नामेंट एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। ब्रिटिश कबड्डी लीग की शुरुआत के बाद से खेल को देखने और खेलने में लोगों की रुचि बढ़ी है, और उम्मीद है कि यह विश्वकप कबड्डी को एक नए मुकाम तक ले जाएगा।

आयोजकों का मानना है कि कबड्डी को अब न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में खेलने और देखने की आदत बनानी होगी। इस टूर्नामेंट के जरिए खेल को नए स्थानों और नए दर्शकों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, और यह दर्शाता है कि कबड्डी को एक वैश्विक खेल के रूप में पेश किया जा रहा है।

भविष्य में कबड्डी का ओलंपिक में प्रवेश:

England: विश्व कबड्डी के अध्यक्ष अशोक दास ने इस विश्वकप के आयोजन को भविष्य में कबड्डी के ओलंपिक में प्रवेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है। उनका मानना है कि इस खेल को अब वैश्विक मंच पर पहचान मिलनी चाहिए और कबड्डी को ओलंपिक तक पहुंचाने के लिए यह टूर्नामेंट उत्प्रेरक का काम कर सकता है। यह समय का एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जहां कबड्डी को खेलों की वैश्विक दुनिया में अपनी जगह बनाने का मौका मिल सकता है।

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