तमिलनाडु की निष्पक्ष आवाज और BJP की घबराहट: स्टालिन का बयान, द्वी-भाषा नीति और निष्पक्ष परिसीमन पर उठी सवालों की बौछार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष, एम के स्टालिन ने गुरुवार को BJP पर तंज कसते हुए कहा कि तमिलनाडु की आवाज, जो द्वी-भाषा नीति और निष्पक्ष परिसीमन को लेकर सशक्त रूप से सामने आई है, BJP को परेशान कर रही है।
उनका मानना है कि यह संघर्ष सिर्फ तमिलनाडु का नहीं, बल्कि पूरे देश का सम्मान और न्याय का मुद्दा बन चुका है। स्टालिन ने इस बयान में स्पष्ट किया कि द्रमुक कभी भी किसी भाषा का विरोध नहीं करती, बल्कि वे किसी भाषा को थोपने और अंधराष्ट्रवाद के खिलाफ हैं।
BJP की घबराहट और तमिलनाडु का सशक्त विरोध
एम के स्टालिन ने BJP की घबराहट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तमिलनाडु की दृढ़ आवाज अब पूरे देश में सुनाई दे रही है, और BJP इस स्थिति से भयभीत हो चुकी है। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उनके ऊपर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। स्टालिन ने इसे “राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी” का सबसे काला दौर करार दिया और कहा कि अब BJP नेताओं का आत्मविश्वास इतना कम हो गया है कि वे ऐसे आरोप लगा रहे हैं जो पूरी तरह से निराधार हैं।
द्वी-भाषा नीति पर स्टालिन का रुख
द्वी-भाषा नीति के मुद्दे पर स्टालिन ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ एक भाषा के संरक्षण की नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और भाषाई अस्मिता की रक्षा का सवाल है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते, लेकिन जब एक भाषा को थोपने का प्रयास किया जाता है, तो हम उसका विरोध करते हैं।” उनके अनुसार, यह मुद्दा राज्य के अधिकारों की रक्षा करने की है, न कि किसी एक पक्ष को दूसरे पर थोपने का।
निष्पक्ष परिसीमन: एक राजनीतिक आवश्यक
निष्पक्ष परिसीमन के मुद्दे पर भी स्टालिन ने BJP को घेरते हुए कहा कि तमिलनाडु में परिसीमन का मामला सिर्फ चुनावी राजनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और न्याय का सवाल है। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी लड़ाई है जो राज्य के लोगों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए जरूरी है। जब हम परिसीमन की बात करते हैं, तो हमारा उद्देश्य केवल न्याय सुनिश्चित करना है, न कि किसी विशेष राजनीतिक लाभ की प्राप्ति।”
योगी आदित्यनाथ के आरोपों पर स्टालिन की तीखी प्रतिक्रिया
योगी आदित्यनाथ द्वारा द्रमुक पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाने के बाद, एम के स्टालिन ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे राजनीति का सबसे घटिया रूप बताया। उन्होंने कहा कि यह राजनीति का सबसे काला दौर है जब किसी को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और समाज में नफरत फैलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। स्टालिन ने यह भी कहा कि BJP ने जानबूझकर द्रमुक को विवादों में फंसाने की कोशिश की है, लेकिन वे इस तरह की चालों में कभी सफल नहीं होंगे।
सम्मान और न्याय की लड़ाई
एम के स्टालिन ने साफ तौर पर कहा कि द्रमुक की यह लड़ाई सम्मान और न्याय के लिए है, न कि किसी तरह की राजनीति करने के लिए। उनका कहना था कि द्रमुक ने हमेशा देश की विविधता का सम्मान किया है और हमेशा सुनिश्चित किया है कि किसी भी भाषा या संस्कृति को नुकसान न पहुंचे। “यह वोट बैंक की राजनीति नहीं है,” स्टालिन ने कहा। “यह एक ऐसी लड़ाई है, जो राज्य के अधिकारों की रक्षा करती है और यह सुनिश्चित करती है कि हर एक व्यक्ति को समान सम्मान और न्याय मिले।”