मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार सुबह स्वामी विवेकानंद जी की 123वीं पुण्यतिथि (123rd Death Anniversary of Swami Vivekananda) पर मुख्यमंत्री निवास में उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने स्वामी जी के विचारों और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
🌟 युवाओं के लिए प्रेरणा: आत्मबल, राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक गौरव
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने देश के युवाओं में आत्मबल, राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक गौरव का संचार किया। उनका प्रसिद्ध संदेश —
“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो” आज भी विकसित भारत के निर्माण में युवाओं को दिशा दे रहा है।
🌍 वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति की स्थापना
श्री शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों को विश्वपटल पर स्थापित किया और शांति व सद्भावना का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकारें युवाओं, किसानों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
🤝 सेवा ही धर्म: राज्य सरकार की कार्यनीति
मुख्यमंत्री ने स्वामी जी के विचार —
“सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है, दूसरों की सेवा करना ही सच्चा जीवन है” को आत्मसात करते हुए कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी स्वामी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।