राजस्थान की सियासत में इन दिनों एक वीडियो ने जबरदस्त हलचल मचा दी है। मामला चूरू जिले में कांग्रेस की ‘हल्ला बोल’ रैली का है, जहां एक वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति और पुलिस, दोनों सवालों के घेरे में हैं। दरअसल, चूरू जिले में कांग्रेस की ‘हल्ला बोल’ रैली से एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें DSP महिला कांस्टेबल की पिट पर मराते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद सबसे पहले नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने DSP पर सवाल उठाए, और अब चूरू सांसद राहुल कस्वां ने मोर्चा संभालते हुए पुलिस पर झूठी FIR दर्ज करने का आरोप लगाया है।
कल के चूरू में कांग्रेस द्वारा आयोजित 'हल्ला बोल प्रदर्शन एवं रैली' के दौरान एक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर की गई झूठी और बेबुनियाद FIR चूरू पुलिस द्वारा अपनी नाकामी छूपाने का प्रयास है।
— Rahul Kaswan (@RahulKaswanMP) June 10, 2025
इस डिजिटल युग में फेसबुक लाईव स्ट्रीम विडियो आमजन द्वारा चलाना आम बात है। इसी… pic.twitter.com/vSyDSfCvw7
सांसद राहुल कस्वां का आरोप और कांस्टेबल का बयान
राहुल कस्वां का कहना है कि वायरल वीडियो एडिटेड है ये बोल कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फंसाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ कार्रवाई बताते हुए मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में एक नया मोड़ तब आया जब खुद महिला कांस्टेबल सामने आईं और उन्होंने कहा कि “ना कोई मारा गया, ना कोई गलत बर्ताव हुआ।” इस बयान ने पूरे मामले की दिशा ही बदल दी।
अब जांच के घेरे में वायरल वीडियो
कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर BNS और IT एक्ट के तहत छह लोगों पर केस दर्ज हो चुका है। पुलिस अब वायरल वीडियो की एडिटिंग की जांच कर रही है। अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है, क्या यह मामला सियासी फायदा उठाने की कोशिश थी या फिर किसी बड़ी चूक को छिपाने की चाल? फिलहाल, सच क्या है, यह अब चूरू पुलिस की जांच ही तय करेगी।
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