SMS अस्पताल के डॉक्टरों ने मांगा VRS, भजनलाल सरकार की बढ़ी चिंता – स्वास्थ्य व्यवस्था पर मंडराए संकट के बादल

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राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग की, फैकल्टी की कमी से बढ़ सकती है मरीजों की परेशानी

जयपुर: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार के लिए एक नई चिंता खड़ी हो गई है। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज के कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की मांग की है।
डॉक्टरों के इस कदम से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, क्योंकि एसएमएस अस्पताल न केवल जयपुर बल्कि पूरे प्रदेश के मरीजों के लिए चिकित्सा सेवा का प्रमुख केंद्र है।

VRS यानी क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, कई सीनियर डॉक्टरों ने हाल ही में अस्पताल प्रशासन को वीआरएस के लिए आवेदन दिए हैं। VRS यानी Voluntary Retirement Scheme — जब कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी बिना रिटायरमेंट की उम्र पूरी किए स्वेच्छा से सेवा छोड़ने की अनुमति मांगता है
फिलहाल सरकार ने इन आवेदनों पर कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन स्थिति को देखते हुए चिकित्सा विभाग में तनाव और असमंजस का माहौल है।

महत्वपूर्ण विभागों पर पड़ सकता है असर
एसएमएस अस्पताल पहले से ही फैकल्टी की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में यदि वरिष्ठ डॉक्टर सेवा छोड़ते हैं, तो न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और ऑन्कोलॉजी जैसे अहम विभागों पर सीधा असर पड़ सकता है।
इन विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सीमित संख्या के कारण मरीजों की देखभाल और सर्जरी शेड्यूल दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

सरकार की चुप्पी और डॉक्टरों की नाराज़गी
सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों की नाराज़गी का कारण बढ़ता कार्यभार, पदोन्नति में देरी और प्रशासनिक उपेक्षा बताई जा रही है। वहीं सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह मुद्दा समय रहते नहीं सुलझाया गया तो राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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