NASA की डराने वाली भविष्यवाणी: 23,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा खतरा
धरती पर एक बार फिर से बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने हाल ही में एक गंभीर चेतावनी दी है कि एक एस्ट्रॉयड, जो 23,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है, यदि किसी अप्रत्याशित कारण से अपनी दिशा बदलता है, तो यह हमारे ग्रह से टकरा सकता है और एक विनाशकारी तबाही का कारण बन सकता है।
NASA का अलर्ट और वैज्ञानिकों की निगरानी
NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) के वैज्ञानिक इस एस्ट्रॉयड पर गहन नजर बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में एस्ट्रॉयड धरती के काफी करीब से गुजरेगा, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार यह एस्ट्रॉयड हमारी ग्रह की ओर टकराएगा नहीं। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि अंतरिक्ष में होने वाली किसी भी हलचल से इस एस्ट्रॉयड की दिशा बदल सकती है, और ऐसे में यह हमारी पृथ्वी से टकरा सकता है, जिससे भारी तबाही हो सकती है।
NASA: वर्तमान में यह एस्ट्रॉयड हमारे ग्रह से 7.5 मिलियन किलोमीटर (4.6 मिलियन मील) की दूरी पर है, जो कि अंतरिक्ष में सामान्य दूरी मानी जाती है। लेकिन इसका आकार और रफ्तार इसे खतरनाक बना सकते हैं, क्योंकि अगर यह टकराता है तो इसके प्रभाव से दुनिया भर में भयावह परिणाम हो सकते हैं।
यदि एस्ट्रॉयड धरती से टकराता है तो क्या हो सकता है?
NASA: एस्ट्रॉयड से टकराने के बाद होने वाली तबाही की कल्पना भी डरावनी है। अगर यह एस्ट्रॉयड धरती से टकराता है, तो इसके प्रभाव से समुद्र में विशाल जलजला आ सकता है। इसके कारण सुनामी जैसी भयंकर घटनाएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो तटीय क्षेत्रों को तबाह कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त, भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी आपदाएं भी हो सकती हैं, जिससे न केवल जान-माल का नुकसान होगा, बल्कि पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित होगा।
NASA: एस्ट्रॉयड की टक्कर से बिजली और इंटरनेट सेवाएं भी शटडाउन हो सकती हैं। इसके कारण संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है, और ऊर्जा संकट जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इससे न केवल सामान्य जनजीवन प्रभावित होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियां भी ठप हो सकती हैं।
क्या इस खतरे से बचाव संभव है?
NASA इस एस्ट्रॉयड पर लगातार निगरानी बनाए हुए है और वैज्ञानिक इस पर पूरी तरह से ध्यान दे रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी प्रकार के बचाव उपायों की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे खतरों से बचने के लिए उन्हें समय रहते पता चलना जरूरी है। एस्ट्रॉयड की दिशा में अगर कोई परिवर्तन होता है, तो NASA और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां मिलकर इसे रोकने के लिए उपायों पर काम कर सकती हैं।
NASA: कई सालों से अंतरिक्ष वैज्ञानिक एस्ट्रॉयड के संभावित खतरे से निपटने के लिए शोध कर रहे हैं। ऐसे खतरों को टालने के लिए एक रणनीति यह हो सकती है कि एस्ट्रॉयड की दिशा बदलने के लिए उसे अंतरिक्ष में कोई बड़ा प्रक्षिप्त या ऊर्जा के स्रोत से प्रभावित किया जाए, ताकि वह पृथ्वी से टकराने से बच सके। हालांकि, इस तरह के उपाय अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं हुए हैं, लेकिन शोधकर्ता इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
क्या हमें इससे डरने की आवश्यकता है?
NASA: इस एस्ट्रॉयड के धरती से टकराने का जोखिम बहुत कम है। वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल इसके धरती से टकराने का कोई बड़ा खतरा नहीं है, और इसे लेकर लोगों को अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। यह एस्ट्रॉयड वर्तमान में सुरक्षित दूरी से गुजरने वाला है। लेकिन, जैसे-जैसे समय गुजरता है, वैज्ञानिक इसकी गति और दिशा पर निगरानी रखते रहेंगे और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयारी करेंगे।
NASA: बेशक, एस्ट्रॉयड जैसे खतरों का सामना करने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा ध्यान और सावधानी बरतनी होगी। अगर भविष्य में इस तरह के खतरों का अनुमान होता है, तो पृथ्वी के लिए इसके निवारण की दिशा में भी कदम उठाए जा सकते हैं।
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