Nursing College की काउंसलिंग प्रक्रिया समय सीमा में पूरी करें: उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल
Nursing College: मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने हाल ही में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक में Nursing College की काउंसलिंग प्रक्रिया को शीघ्र और निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। यह कदम छात्रों को असुविधा से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि वे अपनी शिक्षा में कोई रुकावट न महसूस करें।
इसके साथ ही उन्होंने Nursing College की मान्यता से जुड़ी अद्यतन स्थिति की जानकारी भी ली और सभी संबंधित प्रक्रियाओं को उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा में पूरा करने की बात कही। यह निर्णय प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा के प्रबंधन को सुधारने और छात्रों के हित में लिया गया है।
Nursing College की काउंसलिंग प्रक्रिया पर जोर
राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय, भोपाल में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान Nursing College की काउंसलिंग प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस प्रक्रिया को समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। काउंसलिंग प्रक्रिया छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण चरण होती है, जिसमें उन्हें अपनी शिक्षा का मार्गदर्शन प्राप्त होता है, और यह प्रक्रिया यदि देरी से होती है तो छात्रों के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।
उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर Nursing College की काउंसलिंग प्रक्रिया को पूरा किया जाए, ताकि छात्रों को समस्याओं का सामना न करना पड़े और वे अपनी पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा से बच सकें। इस निर्देश का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग को पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने और उसे प्रभावी तरीके से पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
मेडिकल कॉलेजों में पे-प्रोटेक्शन से संबंधित प्रस्ताव
राजेन्द्र शुक्ल ने बैठक में मेडिकल कॉलेजों के पे-प्रोटेक्शन (कर्मचारी सुरक्षा) से संबंधित प्रस्ताव को तैयार कर शीघ्र कैबिनेट अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। पे-प्रोटेक्शन से संबंधित यह प्रस्ताव राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए कार्यरत सुरक्षा नियमों को लागू करने के उद्देश्य से है, ताकि मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की असुरक्षा का सामना न करना पड़े।
एचएमपीवी वायरस पर ध्यान
उप मुख्यमंत्री ने एचएमपीवी वायरस (Human Metapneumovirus) की स्थिति पर भी विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। इस वायरस का प्रसार विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों में हो सकता है, और इसकी स्थिति की निगरानी स्वास्थ्य विभाग के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। शुक्ल ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सतत निगरानी रखे और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपायों की तैयारी करें।
स्वास्थ्य सेवाओं के अधोसंरचना विकास पर जोर
मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार और विस्तार के लिए लगातार काम कर रही है, और इस दिशा में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुधार के लिए अधोसंरचना विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। स्वास्थ्य सेवाओं का क्षेत्र केवल चिकित्सा सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अस्पतालों की सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और अन्य आवश्यक संसाधनों का भी सुधार शामिल है। इसके लिए राज्य सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है, ताकि प्रदेश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति और भूमिका
इस बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त स्वास्थ्य तरुण राठी और संचालक लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा (नर्सिंग एवं पैरामेडिकल) मनोज सरियाम भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया और विभागीय कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। उप मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विभागीय कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए सक्रिय रूप से कार्य करें।
नर्सिंग शिक्षा और भविष्य की दिशा
राजेन्द्र शुक्ल का यह निर्देश न केवल Nursing College की काउंसलिंग प्रक्रिया को तेज करने के लिए है, बल्कि यह स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और छात्रों के भविष्य के लिए एक बड़ा कदम है। Nursing College की काउंसलिंग प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने से छात्रों को शैक्षिक साल की शुरुआत में किसी प्रकार की देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि वे अपनी शिक्षा में रुकावट के बिना आगे बढ़ सकें।
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