ओलंपिक मेडलिस्ट Bajrang Punia पर NADA का 4 साल का बैन, यह वजह बनी समस्या

By Editor
6 Min Read

Bajrang Punia पर NADA का 4 साल का बैन: डोपिंग टेस्ट देने से इनकार के कारण कुश्ती से निलंबन

नई दिल्ली: भारत के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और विश्व चैंपियन रेसलर Bajrang Punia को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। यह निलंबन उस समय लगा, जब Bajrang Punia ने 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम चयन ट्रायल के दौरान डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार कर दिया था। नाडा का कहना है कि यह कदम एथलीटों के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन था। Bajrang Punia को पहले भी 23 अप्रैल को इसी कारण निलंबित किया गया था, जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था। इस निलंबन का मतलब है कि अब Bajrang Punia को प्रतिस्पर्धी कुश्ती में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी और न ही उन्हें विदेश में कोचिंग देने की अनुमति मिलेगी।

निलंबन के कारण

Bajrang Punia का निलंबन उस समय हुआ जब उन्होंने मार्च में राष्ट्रीय चयन ट्रायल के दौरान डोपिंग टेस्ट देने से मना कर दिया। एथलीटों पर लागू एंटी डोपिंग नियमों के तहत यह अनिवार्य है कि वे चयन ट्रायल या किसी प्रतियोगिता के दौरान डोपिंग टेस्ट के लिए अपना सैंपल दें। Bajrang Punia का यह कदम नियमों का उल्लंघन था, और इसलिए NADA ने उन्हें चार साल के लिए निलंबित कर दिया है।

यह घटना इस समय हुई जब भारत में कुश्ती का माहौल भी काफी गर्म था। Bajrang Punia की प्रमुखता और उनके द्वारा किए गए योगदान को देखते हुए इस निलंबन ने भारतीय खेल समुदाय को चौंका दिया। भारतीय रेसलिंग और खेल प्रेमियों के लिए यह एक दुखद घटना रही, क्योंकि Bajrang Punia ने ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था और उनकी छवि एक सशक्त खिलाड़ी के रूप में थी।

NADA का फैसला और उसकी प्रभावशीलता

नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) भारत में खेलों में डोपिंग को रोकने के लिए जिम्मेदार मुख्य एजेंसी है। NADA द्वारा लगाए गए बैन का पालन सभी एथलीटों के लिए अनिवार्य होता है। NADA का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय एथलीट दुनिया भर में प्रतिस्पर्धा करते समय खेल की सच्ची भावना का पालन करें। अगर कोई एथलीट डोपिंग टेस्ट में भाग लेने से इनकार करता है या उस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी करता है, तो NADA उसे निलंबित कर सकती है।

NADA का यह कदम Bajrang Punia के लिए कठिन साबित हुआ है, क्योंकि उनके खिलाफ यह सख्त कार्रवाई की गई है, और इसके बाद उन्हें चार साल तक किसी भी प्रतिस्पर्धी कुश्ती में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। इस समय उनका करियर एक बड़े संकट में है, क्योंकि उनका टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने का सपना और उनकी आगामी प्रतिस्पर्धाएं सब खतरे में हैं।

यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा भी निलंबन

NADA के निलंबन के बाद, अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी बजरंग पुनिया को निलंबित कर दिया था। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इस निर्णय का पालन करते हुए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से बाहर रखा। यह निलंबन न केवल उनके भारत में प्रतिस्पर्धा करने के अधिकार को प्रभावित करता है, बल्कि यह उन्हें विदेश में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में भी भाग लेने से रोकता है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के फैसले ने यह साबित कर दिया कि डोपिंग नियमों का उल्लंघन खेल की दुनिया में गंभीर परिणामों को जन्म देता है।

Bajrang Punia का करियर और विवाद

Bajrang Punia का करियर अब तक बेहद शानदार रहा है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के अलावा कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पदक जीते हैं, जिनमें एशियाई चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप शामिल हैं। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता को भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व भर में सराहा गया है। हालांकि, इस विवाद ने उनके करियर पर सवाल खड़ा कर दिया है।

Bajrang Punia का इस तरह का व्यवहार उनके फैंस और साथियों के लिए निराशाजनक है, क्योंकि उन्हें एक अनुशासित और खेल के प्रति समर्पित खिलाड़ी के रूप में देखा जाता था। डोपिंग टेस्ट से मना करना उनके द्वारा की गई एक गंभीर गलती मानी जा रही है, जो उनके पूरे करियर को प्रभावित कर सकती है।

भविष्य में क्या होगा?

Bajrang Punia का चार साल के लिए निलंबन उनके लिए एक गंभीर झटका साबित हो सकता है। हालांकि, वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं, लेकिन इस समय उनके पास कोई स्पष्ट योजना नहीं है कि वह इसे कैसे चुनौती देंगे। अगर यह निलंबन बरकरार रहता है, तो Bajrang Punia को अगले चार वर्षों तक किसी भी अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने से रोका जाएगा।

यह निलंबन न केवल उनकी कुश्ती यात्रा पर असर डालेगा, बल्कि यह भारत के कुश्ती समुदाय को भी एक बड़ा झटका देगा, क्योंकि Bajrang Punia का नाम भारतीय कुश्ती के सबसे बड़े सितारों में शुमार है। उन्हें इस समय बहुत से युवा एथलीटों के लिए एक आदर्श माना जाता था, और उनका यह कदम कई खिलाड़ियों के लिए गलत संदेश दे सकता है।

13 साल के Vaibhav Suryavanshi बने IPL Auction के सबसे युवा खिलाड़ी, जानिए कौन हैं वो

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *