शिक्षित व्यक्ति का गौरव दूसरों को बड़ा बनाने में: Patel

Patel

शिक्षित व्यक्ति का गौरव दूसरों को बड़ा करने में है: राज्यपाल Mangubhai Patel

मध्यप्रदेश के राज्यपाल Mangubhai Patel ने कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति का असली गौरव दूसरों को अपने ज्ञान से बड़ा करने में निहित है। उनका मानना है कि जो व्यक्ति अपने ज्ञान का उपयोग समाज की भलाई के लिए करता है, वह सच्चे अर्थों में शिक्षा का गौरव बढ़ाता है। राज्यपाल ने यह टिप्पणी आईसेक्ट पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘कम्प्यूटर एक परिचय’ के 40वें संस्करण के लोकार्पण समारोह के दौरान की। उन्होंने इस पुस्तक के लेखक संतोष चौबे की सराहना करते हुए समाज के लिए उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया।

समाज सेवा और शिक्षा का सशक्त माध्यम: पुस्तक लेखन

राज्यपाल Mangubhai Patel ने इस अवसर पर कहा कि पुस्तक लेखन समाज सेवा का एक अत्यंत प्रभावशाली और सशक्त माध्यम है। वह मानते हैं कि लेखक केवल जानकारी नहीं प्रदान करते, बल्कि समाज को दिशा देने का कार्य करते हैं। नई सोच और दृष्टिकोण से समाज को मार्गदर्शन देने वाले लेखकों का सम्मान करना समाज का कर्तव्य होना चाहिए। पटेल ने युवाओं से अपील की कि वे केवल पाठ्य पुस्तकों तक सीमित न रहें, बल्कि हमारे देश, समाज और संस्कृति से संबंधित अन्य विषयों पर भी अध्ययन करें।

Mangubhai Patel ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की, जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत युवाओं के लिए बंधन मुक्त शिक्षा के अवसर प्रदान किए हैं। उनका मानना है कि यह नीति युवा पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती है। श्री पटेल ने युवाओं से प्रधानमंत्री के आगामी संवाद कार्यक्रम को देखने का आग्रह किया, जिसमें प्रधानमंत्री देश के तीन हजार युवाओं से संवाद करेंगे।

कम्प्यूटर ज्ञान और भारतीय भाषाओं में डिजिटल साक्षरता

Mangubhai Patel: आईसेक्ट पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘कम्प्यूटर एक परिचय’ का 40वां संस्करण भारतीय भाषाओं में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस पुस्तक ने भारतीय समाज में कंप्यूटर ज्ञान को सुलभ और सस्ता बनाने के साथ-साथ इसे भारतीय भाषाओं में प्रस्तुत करने का काम किया है। मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री भरत शरण सिंह ने पुस्तक की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पुस्तक ने भारतीय भाषाओं में कंप्यूटर के सिद्धांतों को सरल और समझने योग्य बना दिया है, जिससे डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा मिला है।

उन्होंने यह भी बताया कि इस पुस्तक ने कंप्यूटर निर्माण में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को उजागर किया और भारतीय ज्ञान परंपरा में कंप्यूटर के सिद्धांतों की उपलब्धता को प्रकाशित किया। यह पुस्तक केवल तकनीकी ज्ञान का स्रोत नहीं है, बल्कि भारतीय वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रस्तुत करती है।

तकनीकी नवाचार और समाज के साथ जुड़ाव

Mangubhai Patel: रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने पुस्तक की रचना की पृष्ठभूमि और विकास पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि देश में तकनीकी विकास को भारतीय भाषाओं के माध्यम से ही संभव बनाया जा सकता है। यह पुस्तक इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई है। चौबे ने यह भी बताया कि उनकी संस्था इस समय छह विश्वविद्यालयों का संचालन कर रही है और अब उत्तर-पूर्वी भारत में सातवें विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में भी आगे बढ़ रही है।

Mangubhai Patel: उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से किताबें लिखी जा सकती हैं, लेकिन यह निर्णय कि किस विषय पर पुस्तक लिखनी चाहिए, और किस भाषा में इसे प्रस्तुत किया जाए, यह वास्तविक बुद्धिमत्ता से ही संभव है। इस प्रकार, तकनीकी नवाचार और समाज के साथ जुड़ाव के द्वारा हर क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।

पुस्तक के माध्यम से कम्प्यूटर के प्रति बदलाव

Mangubhai Patel: स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी के चान्सलर सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि ‘कम्प्यूटर एक परिचय’ पुस्तक ने देश में कंप्यूटर के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव लाया है। पुस्तक ने कंप्यूटर के बारे में लोगों की सोच को एक नई दिशा दी है। इसके प्रकाशन के बाद, आईसेक्ट पब्लिकेशन ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है, जो आज अपनी सफलता के 40 वर्षों के बाद भी जारी है। चतुर्वेदी ने यह भी उल्लेख किया कि इस पुस्तक की सफलता ने आईसेक्ट पब्लिकेशन को एक नई पहचान दिलाई है।

संस्कार और संस्कृति के ज्ञान का महत्त्व

राज्यपाल Mangubhai Patel ने युवा पीढ़ी से यह भी अपील की कि वे केवल तकनीकी ज्ञान तक ही सीमित न रहें, बल्कि हमारे देश और समाज की संस्कृति, इतिहास और पारंपरिक ज्ञान का भी अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नया दौर शुरू हुआ है, जिसमें आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और वैचारिक परिवर्तन की संभावनाएं हैं। इस परिवर्तन का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना है।

Mangubhai Patel: इस बात पर जोर दिया कि पुस्तक लेखन न केवल एक शैक्षिक कार्य है, बल्कि यह समाज को एक नई दिशा देने और उसके उत्थान में सहायक होता है। यही कारण है कि समाज को ऐसे लेखकों का सम्मान करना चाहिए, जो समाज के मार्गदर्शन और विकास के लिए अपने ज्ञान का योगदान देते हैं।

समारोह में सम्मान और उपहार

Mangubhai Patel: कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने संतोष चौबे को शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और आईसेक्ट पब्लिकेशन की विज्ञान लेखन की पुस्तकों और भारतीय वैज्ञानिकों के मोनोग्राफ का सेट भेंट किया। यह सम्मान चौबे की शिक्षा के क्षेत्र में योगदान और पुस्तक लेखन के लिए उनके प्रयासों को मान्यता देने के रूप में था।

Read More: राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह Udaipur में होगा आयोजित

Share

One thought on “शिक्षित व्यक्ति का गौरव दूसरों को बड़ा बनाने में: Patel

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *