Delhi में ठंड का असर बढ़ा, तापमान 10 डिग्री से नीचे; हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’
Delhi में सर्दी की शुरुआत और खराब वायु गुणवत्ता
Delhi में ठंड का असर अब महसूस किया जाने लगा है, क्योंकि शुक्रवार को राजधानी में इस मौसम में पहली बार तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरा। मौसम विभाग के अनुसार, न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान है। वहीं, हवा की गुणवत्ता भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, जिससे नागरिकों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। दिल्लीवासियों के लिए सर्दी और प्रदूषण दोनों ही चुनौती बन गए हैं, जो उनकी सेहत पर असर डाल सकते हैं।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, वीकेंड के दौरान तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण, दिल्ली के मौसम पर प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है, जिससे न्यूनतम तापमान में कुछ वृद्धि हो सकती है। हालांकि, वीकेंड के दौरान तापमान में अधिकतम 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की संभावना है। इस विक्षोभ के कारण ठंडी हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे सर्दी और बढ़ सकती है, लेकिन कुछ राहत मिल सकती है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) और प्रदूषण के स्तर में वृद्धि
Delhi में न केवल तापमान में गिरावट आई है, बल्कि वायु गुणवत्ता भी बेहद खराब हो चुकी है। शुक्रवार को AQI (Air Quality Index) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जिससे शहर में प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ गई है। सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर आमतौर पर बढ़ जाता है, और इस बार भी स्थिति वही है। खासकर दिल्ली के बाहरी इलाके और शहरी क्षेत्रों में धुंआ और स्मॉग की वजह से सांस लेने में कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, सर्दी और प्रदूषण की मिश्रित स्थिति ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है।
Delhi के प्रदूषण में कृषि आग और वाहन उत्सर्जन का योगदान
Delhi में प्रदूषण का एक बड़ा कारण कृषि क्षेत्र में जलाए जा रहे पराली के ढेर हैं। उत्तर भारत के राज्यों में किसान अपने खेतों की सफाई के लिए पराली जलाते हैं, जिसका धुंआ दिल्ली में घुसकर प्रदूषण बढ़ा देता है। इसके अलावा, वाहनों से निकलने वाला धुंआ, निर्माण कार्यों से उठती धूल और अन्य कारखानों से होने वाले उत्सर्जन ने प्रदूषण के स्तर को और अधिक बढ़ा दिया है। इन कारणों से दिल्ली में इस समय वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है और वातावरण में घना प्रदूषण फैला हुआ है।
ठंड और प्रदूषण से बचाव के उपाय
Delhi में ठंड और प्रदूषण दोनों के प्रभाव से बचने के लिए नागरिकों को कुछ एहतियात बरतने की आवश्यकता है। मौसम विभाग और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ऐसे दिनों में लोगों को घरों के भीतर रहना चाहिए और खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो मास्क का इस्तेमाल करने और गाड़ी में एयर प्यूरीफायर लगाने का सुझाव दिया गया है।
इसके अलावा, घरों के भीतर वेंटिलेशन बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है, ताकि हवा में जमा प्रदूषकों को बाहर निकाला जा सके। दिल्लीवासियों को प्रदूषण से बचाव के लिए सुबह के समय बाहर जाने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस समय प्रदूषण का स्तर अधिक होता है।
प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
Delhi में खराब हवा गुणवत्ता का लोगों की सेहत पर बड़ा असर पड़ सकता है। ‘बहुत खराब’ AQI वाली हवा श्वसन समस्याओं, अस्थमा, और दिल से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकती है। इसके अलावा, लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेना कैंसर जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण और ठंड का संयुक्त असर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है, जिससे बुखार, सर्दी, खांसी और गले की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
Delhi सरकार और अधिकारियों की ओर से कदम
Delhi सरकार और पर्यावरण विभाग ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने निर्माण गतिविधियों को नियंत्रित करने, वाहनों से प्रदूषण को कम करने, और सर्दियों में कृषि क्षेत्रों में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इसके अलावा, दिल्ली में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
हालांकि, यह समस्या सिर्फ दिल्ली की नहीं है, बल्कि यह पूरे उत्तरी भारत में व्याप्त है। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इस पर ठोस उपाय लागू करने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में प्रदूषण पर काबू पाया जा सके