Sunita Williams ने कह दिया अंतरिक्ष को अलविदा, धरती पर उनकी वापसी कब होगी?

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8 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा 9 महीनों में कैसे बदल गई? Sunita Williams और बुच विल्मोर की वापसी की पूरी कहानी

Sunita Williams: अंतरिक्ष यात्रा के लिए समय और दूरी का हिसाब आमतौर पर अलग होता है। यही कारण है कि कुछ यात्राएं थोड़ी लंबी हो जाती हैं। एक ऐसे ही घटनाक्रम का सामना अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के एस्ट्रोनॉट Sunita Williams और बुच विल्मोर को करना पड़ा। उनका 8 दिनों का अंतरिक्ष मिशन, जो पहले बहुत ही छोटा लग रहा था, अब 9 महीनों में तब्दील हो गया है। अब इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी का रास्ता साफ हो चुका है, और जल्द ही वे पृथ्वी पर लौटने वाले हैं।

अंतरिक्ष में 8 दिन की यात्रा कैसे बन गई 9 महीने की?

Sunita Williams और बुच विल्मोर की अंतरिक्ष यात्रा को 8 दिनों का मिशन मानकर शुरू किया गया था। लेकिन दुर्भाग्यवश, ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) में कुछ तकनीकी समस्याएं आईं, जो पहले अपेक्षित अवधि को बढ़ा देती थीं। इसके अलावा, अंतरिक्ष में काम करने की परिस्थितियां भी अन्यथा हैं, जिससे मिशन में देरी होती रही। इन समस्याओं के कारण उनकी यात्रा की अवधि 9 महीनों तक खिंच गई।

विलियम्स और विल्मोर की यात्रा के दौरान कई बार अंतरिक्ष में मौजूद उपकरणों और प्रणाली को ठीक करने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय देना पड़ा। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों ने उनकी मदद की और उन्हें आवश्यक संसाधन मुहैया कराए, जिससे उनकी यात्रा में और देरी हुई। इन 9 महीनों में विलियम्स और विल्मोर ने अंतरिक्ष में शोध, विज्ञान प्रयोग, और स्टेशन के रखरखाव में भाग लिया, जिससे उनकी वापसी में देरी हुई।

19 मार्च को धरती पर वापसी की संभावना

अब जबकि सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, NASA ने यह घोषणा की है कि अगर मौसम अनुकूल रहता है तो Sunita Williams और बुच विल्मोर भारतीय समयानुसार 19 मार्च की अल सुबह धरती पर वापस लौटेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष से लौटते समय दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से इन दोनों को वापस लाने के लिए स्पेस एक्स का अंतरिक्ष यान भेजा गया था, जो रविवार को ISS पर पहुंच चुका था। इसके बाद दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इनकी वापसी के लिए तैयार की गई योजना के अनुसार, अगर मौसम सही रहता है, तो उन्हें फ्लोरिडा के तट के पास पानी में उतारा जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से योजना के अनुसार होगी ताकि दोनों यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।

नए अंतरिक्ष यात्री दल की भूमिका

Sunita Williams और बुच विल्मोर की वापसी के बाद, नए अंतरिक्ष यात्री दल की तैनाती शुरू हो चुकी है। इस नए दल में नासा से ऐनी मैक्लेन और निकोल एयर्स शामिल हैं। ऐनी और निकोल दोनों ही सैन्य पायलट हैं और उन्हें अंतरिक्ष में नई जिम्मेदारियों के लिए तैयार किया गया है। इनके अलावा, जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव भी इस नए दल का हिस्सा हैं। ताकुया और किरिल दोनों विमानन कंपनियों के पूर्व पायलट हैं और उन्होंने अपने अंतरिक्ष प्रशिक्षण को पूरी तरह से अपनाया है।

इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को 6 महीने के लिए ISS पर भेजा गया है, जहां वे अंतरिक्ष अनुसंधान और विज्ञान प्रयोगों में भाग लेंगे। यह कार्यकाल सामान्य तौर पर एक अंतरिक्ष मिशन की अवधि होती है, और इन चारों को पृथ्वी पर लौटने से पहले कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करना होगा।

Sunita Williams और बुच विल्मोर की यात्रा की महत्वता

Sunita Williams और बुच विल्मोर की यात्रा अंतरिक्ष अन्वेषण में एक अहम कदम है। दोनों ने अंतरिक्ष में बिताए गए अपने समय का भरपूर लाभ उठाया, और उनके द्वारा किए गए शोध अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है। उनके अंतरिक्ष मिशन में किए गए प्रयोगों से भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई है।

इनकी यात्रा से यह भी सिद्ध होता है कि अंतरिक्ष में काम करने की परिस्थितियां कितनी कठिन हो सकती हैं। ISS जैसे स्टेशन में नियमित कार्य और तकनीकी मुद्दों को संभालते हुए भी मिशन के समय को बढ़ाना और फिर भी इसे सुरक्षित रूप से पूरा करना, एक कठिन लेकिन महत्वपूर्ण कार्य है।

अंतरिक्ष यात्रा का भविष्य और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

इस मिशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा के दौरान तकनीकी चुनौतियां हमेशा रहेंगी। हालांकि नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसी यात्राओं के दौरान अनिश्चितताएं भी बनी रहती हैं।

नासा द्वारा किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों के परिणाम भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे। Sunita Williams और बुच विल्मोर जैसे विशेषज्ञों द्वारा किए गए कार्यों से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष यात्रा और अंतरिक्ष में रहकर काम करने की क्षमता को और बेहतर बनाया जाएगा।

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