Donald Trump का नया कार्यकारी आदेश: ईरान के चाबहार बंदरगाह पर प्रतिबंधों का खतरा, भारत के लिए नई चुनौती
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने 4 फरवरी को एक नए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक परियोजना, चाबहार बंदरगाह, पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस आदेश के जरिए Trump प्रशासन ने ईरान पर दबाव बनाने के उद्देश्य से चाबहार बंदरगाह से जुड़ी छूट को खत्म करने या संशोधित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
चाबहार बंदरगाह का महत्व: भारत के रणनीतिक हित
Trump: चाबहार बंदरगाह, भारत के लिए एक अहम रणनीतिक और कूटनीतिक परियोजना है, जिसमें भारत ने लाखों डॉलर का निवेश किया है। यह बंदरगाह पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधी पहुंच प्रदान करता है। इस बंदरगाह को भारत की कनेक्टिविटी योजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और यह अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) का एक केंद्रीय अंग है।
इस परियोजना के तहत भारत, ईरान, अफगानिस्तान, अर्मेनिया, अज़रबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच 7200 किलोमीटर लंबा नेटवर्क विकसित करने का लक्ष्य है, जो जहाजों, रेल और सड़क मार्ग के जरिए माल ढुलाई के लिए इस्तेमाल होगा। इस नेटवर्क की सफलता पर भारतीय व्यापार और क्षेत्रीय कूटनीति की सफलता भी निर्भर करती है।
Trump का कार्यकारी आदेश: चाबहार पर खतरा
Trump प्रशासन का नया कार्यकारी आदेश, जिसे 4 फरवरी को पास किया गया, ईरान के खिलाफ एक नए दौर के प्रतिबंधों का हिस्सा है। यह आदेश मुख्यतः ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसके आतंकवादियों को दी जाने वाली सहायता को लेकर है।
Trump ने अपने आदेश में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अमेरिकी सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया है। इसके अलावा, आदेश में ईरान के तेल निर्यात को भी समाप्त करने की बात कही गई है, जिससे चीन जैसे देशों को भी बड़ा असर हो सकता है, जो ईरान से कच्चा तेल खरीदते हैं।
इसके सबसे बड़े असर ईरान के चाबहार बंदरगाह पर हो सकते हैं, जिसे पहले अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मिली हुई थी। अब, Trump के आदेश के बाद, यह संभावना जताई जा रही है कि इस छूट को रद्द या कम किया जा सकता है, जिससे भारत की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
भारत पर असर: क्या होगा आगे?
Trump: चाबहार बंदरगाह के संदर्भ में भारत की स्थिति बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारत ने इस बंदरगाह पर निवेश किया है और इसे अपने व्यापार और कनेक्टिविटी के लिए अहम माना है। अगर अमेरिका के नए आदेश के तहत इस बंदरगाह पर छूट समाप्त होती है, तो भारत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
भारत के लिए चाबहार न केवल एक व्यापारिक मार्ग है, बल्कि यह अफगानिस्तान और मध्य एशिया के देशों तक पहुंचने का एक महत्वपूर्ण रास्ता भी है। यदि इस पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं, तो भारत को एक नए विकल्प पर विचार करना पड़ेगा, जो इसके क्षेत्रीय कूटनीतिक और व्यापारिक हितों को प्रभावित कर सकता है।
क्या होगा भारतीय कूटनीति का अगला कदम?
Trump: भारत के लिए इस समय एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या वह अमेरिका के इस आदेश को चुनौती देगा या फिर कूटनीतिक बातचीत के जरिए इसका समाधान निकालेगा। भारत को यह ध्यान रखना होगा कि ईरान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना उसकी लंबी अवधि की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, खासकर चाबहार जैसे परियोजनाओं के संदर्भ में।
भारत ने पहले भी कई बार यह स्पष्ट किया है कि वह ईरान के साथ अपने रिश्ते बनाए रखना चाहता है, खासकर आर्थिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से। ऐसे में भारत को अमेरिका के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को भी बनाए रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि चाबहार बंदरगाह पर कोई प्रतिबंध भारतीय हितों को नुकसान न पहुंचाएं।
Read More: अमेरिका में दो Planes की टक्कर; यात्रियों की जान बाल-बाल बची, वीडियो हुआ वायरल