अयोध्या से बूंदी तक: वॉइस ऑफ राजस्थान सोमेश्वर महादेवन ने रचा इतिहास

2 Min Read

राजस्थान कल्चर टूर 2025 के तहत बूंदी पहुंचे प्रसिद्ध पार्श्वगायक सोमेश्वर महादेवन; बोले — “बूंदी केवल शहर नहीं, यह कला, आस्था और आत्मा का संगम है”

बूंदी: किलों, झरनों और मिनिएचर चित्रकला के लिए प्रसिद्ध बूंदी नगरी सोमवार को संगीत और अध्यात्म के सुरों से सराबोर हो उठी। भारत भूषण सम्मानित, वॉइस ऑफ राजस्थान और वॉइस ऑफ महाराष्ट्र, बॉलीवुड पार्श्वगायक, अभिनेता, निर्माता एवं संगीतकार सोमेश्वर नारायण शर्मा (सोमेश्वर महादेवन) राजस्थान कल्चर टूर 2025 के अंतर्गत बूंदी पहुंचे।
महादेवन ने इस अवसर पर दुनिया के पहले ‘रामचरित रैप’ की जानकारी दी — एक ऐसी अनूठी रचना जो वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस की आत्मा को आधुनिक रैप बीट्स की ऊर्जावान लय में पिरोती है।

उन्होंने कहा, “बूंदी की हवाओं में इतिहास बोलता है, दीवारों पर चित्रकला सांस लेती है और यहाँ का सौंदर्य आत्मा को छू जाता है। इस धरती पर ‘रामचरित रैप’ प्रस्तुत करना मेरे लिए गर्व का क्षण है।”
महादेवन ने बताया कि इस रचना का उद्देश्य युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ना है और इसे आधुनिक संगीत के माध्यम से आध्यात्मिकता से परिचित कराना है।

बूंदी के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक वैभव की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह शहर “राजस्थान की आत्मा का प्रतीक” है।
महादेवन पूर्व में अयोध्या श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अपने भक्ति गीत “अवध में आज दिवाली है” और “गजानना हे महामहे” से भी देशभर में भक्ति का वातावरण बना चुके हैं।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *