मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संभल के बहजोई में आयोजित एक विशाल जनसभा में 659 करोड़ रुपये की 222 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के पवित्र स्थलों को अपवित्र करने वालों को अब कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जो लोग संभल की सच्चाई को छिपाने और इसके विकास को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें उनके पापों की सजा जरूर मिलेगी।
उन्होंने बताया कि कभी संभल में 68 तीर्थ, 19 पावन कूप और विस्तृत परिक्रमा मार्ग थे, जिन्हें विदेशी आक्रांताओं ने नष्ट किया और कब्जे कर लिए। अब राज्य सरकार इन तीर्थों और कूपों का पुनरोद्धार करेगी। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे उन्होंने काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिरों को पुनर्जीवित किया, वैसे ही संभल को भी धार्मिक पहचान दिलाई जाएगी।
योगी ने कहा कि संभल केवल एक शहर नहीं, बल्कि हिंदू आस्था का प्रतीक है। यह स्थान हरि (विष्णु) और हर (शिव) दोनों का मिलन स्थल है, और पुराणों के अनुसार यहीं भगवान विष्णु का दसवां अवतार, कल्कि, अवतरित होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विषय विवाद का नहीं बल्कि आस्था का है, लेकिन कुछ लोग जिनकी पृष्ठभूमि ही विवादित रही है, वे हर हिंदू परंपरा में विवाद तलाशते हैं।
सीएम ने चेतावनी दी कि जो विरासत को विवादित बनाने की कोशिश करेंगे, उनके कुत्सित प्रयासों को सरकार नाकाम करेगी। काशी और अयोध्या के पुनरोद्धार का उदाहरण देते हुए उन्होंने सवाल किया कि जब ये कार्य हो सकते हैं तो संभल का पुनरोद्धार क्यों नहीं? उन्होंने भगवान कल्कि और हरिहर धाम के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों ने संभल के साथ गंभीर अन्याय किए। कांग्रेस पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया और कहा कि सपा ने उन हत्यारों को बचाने का काम किया। योगी ने कहा कि अगर इन घटनाओं की सच्चाई सामने आ जाती, तो इनका वोट बैंक खतरे में पड़ जाता।