झालावाड़ में कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दूसरी यूनिट को 40 दिन के लिए शटडाउन कर दिया गया है… जानकारी के अनुसार.. 40 दिन में इसके मरम्मत के कार्य किए जाएंगे… आपको बता दें कि.. डेढ़ साल पहले भी यूनिट को शटडाउन किया गया था और उसकी मरम्मत की गई थी… और फिर से सलाना मरम्मत के चलते यूनिट को शटडाउन किया गया है… हालांकि पहली यूनिट लगातार बिजली उत्पादन कर रही है… झालावाड़ कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में 600- 600 मेगावाट की दो यूनिट लगी है… और 1200 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है… ऐसे में दूसरी यूनिट मरम्मत के चलते बंद होने से बिजली उत्पादन पर सीधा असर डालेगा…
फिलहाल बारिश से राहत, लेकिन डिमांड बढ़ते ही हालात बिगड़ सकते हैं
राजस्थान में बिजली संकट की आशंका फिर से गहरा गई है। झालावाड़ जिले की कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना की एक यूनिट को 40 दिनों के लिए शटडाउन कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह फैसला वार्षिक रखरखाव और तकनीकी सुधार के तहत लिया गया है। फिलहाल मानसून के कारण बिजली की मांग कम है, लेकिन जैसे ही बारिश का दौर थमेगा, राज्य को उत्पादन घाटे का सामना करना पड़ सकता है।

1.44 लाख यूनिट बिजली उत्पादन रोजाना होगा प्रभावित
इस थर्मल प्लांट में 600-600 मेगावाट की दो यूनिट हैं, जिनसे रोजाना करीब 2.88 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होता है। एक यूनिट के बंद हो जाने से 1.44 लाख यूनिट बिजली की सीधी कटौती हो गई है। यह नुकसान राज्य की ग्रिड आपूर्ति और घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं पर प्रभाव डाल सकता है।
रखरखाव के नाम पर यूनिट का लंबा शटडाउन, तकनीकी खामियों की गहराई से जांच
प्रशासन के मुताबिक, शटडाउन के दौरान पूरे सिस्टम की बारीकी से जांच की जाएगी और जरूरी मरम्मत का काम किया जाएगा। बीते एक साल में तकनीकी खामियों के चलते यह यूनिट कई बार बंद हो चुकी है, लेकिन इस बार शटडाउन की अवधि लंबी रखी गई है ताकि यूनिट को स्थायी रूप से दुरुस्त किया जा सके। ऊर्जा विभाग हालात पर नजर बनाए हुए है।
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