सिरोही: पिण्डवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजनाओं को लेकर ग्रामीणों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को ग्रामीणों ने भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र की तीन प्रमुख खनन परियोजनाओं को निरस्त करने की मांग की।
ग्रामीणों ने बताया कि मेसर्स कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 800.9935 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित चूना खनन परियोजना पर्यावरण, जलस्रोत और कृषि पर गंभीर प्रभाव डालेगी। उनका कहना था कि यदि यह परियोजना लागू हुई, तो आसपास के गांवों में जीवन-यापन कठिन हो जाएगा।
इसी तरह, मोरस क्षेत्र में प्रस्तावित कैल्साइट माइंस परियोजना को लेकर भी ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपते हुए इसे पर्यावरण और आजीविका के लिए खतरा बताया और इसे भी निरस्त करने की मांग की।
साथ ही, ग्रामीणों ने मालप, घरट, ठंडीवेरी, मोरस, वरली और पहाड़कलां के वनखंडों को कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एवं बफर जोन में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध जताया। उनका कहना था कि इस निर्णय से क्षेत्र की जनता को विस्थापन और वनाधिकारों के समाप्त होने का खतरा है।
सांसद राजकुमार रोत ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा —
“यह लड़ाई लंबी जरूर है, लेकिन क्षेत्र की जनता को एकजुट रहना होगा। किसी भी हाल में क्षेत्रवासियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि BAP पार्टी के विधायक इस मुद्दे को विधानसभा में, जबकि वह स्वयं लोकसभा में मजबूती से उठाएंगे।
सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा —
“डबल इंजन की भाजपा सरकार विकास के नाम पर आदिवासियों को बेघर कर रही है। ऐसा विकास किस काम का, जो इंसान से उसकी जमीन और अस्तित्व छीन ले?”
सांसद रोत ने स्पष्ट किया कि यदि अन्य राजनीतिक दल जनता के साथ नहीं खड़े होंगे, तो BAP पार्टी अकेले ही क्षेत्र की आवाज बनकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाएगी।