Stock Market में गिरावट की मुख्य वजह: सितंबर तिमाही में कंपनियों का खराब प्रदर्शन
हालिया दिनों में भारतीय Stock Market में जो गिरावट देखी जा रही है, उसके पीछे एक प्रमुख कारण सितंबर तिमाही के दौरान कंपनियों का कमजोर वित्तीय प्रदर्शन है। ACE इक्विटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही के दौरान कुल 143 कंपनियों ने घाटा दर्ज किया। इन कंपनियों में कई प्रमुख और स्थापित नाम शामिल हैं, जिनमें इंटरग्लोब एविएशन से लेकर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों को लगभग ₹20,160 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ, जो इस तिमाही के दौरान कंपनियों के खराब प्रदर्शन को दर्शाता है।
घाटे में रहीं प्रमुख कंपनियां
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर तिमाही में जिन कंपनियों ने शुद्ध घाटा दर्ज किया, उनमें कुछ बड़ी नाम शामिल हैं, जैसे कि इंडिगो एयरलाइन चलाने वाली इंटरग्लोब एविएशन और हाउसिंग फाइनेंस कंपनी सम्मान कैपिटल। इंटरग्लोब एविएशन, जो अपनी एयरलाइन इंडिगो के लिए जानी जाती है, दो साल में पहली बार घाटे में चली गई। महंगाई के दबाव और विमानों के संचालन में परेशानी के कारण, एयरलाइन का EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डिप्रीसिएशन और अमोर्टाइजेशन) भी बाजार के अनुमानों से कम रहा। वहीं, सम्मान कैपिटल ने भी 20 साल में पहली बार घाटा दर्ज किया।
तिमाही में घाटे में रहने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सितंबर 2023 में शुद्ध घाटे में रहने वाली कंपनियों की संख्या 143 रही, जबकि जून 2023 तिमाही में यह संख्या 129 थी और इन कंपनियों को ₹15,030 करोड़ का घाटा हुआ था। वहीं, पूरे वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में इन कंपनियों का कुल घाटा ₹35,200 करोड़ रहा, जो एक बड़ा आंकड़ा है।
यह गिरावट इस बात को दर्शाती है कि न केवल छोटे या कम स्थापित कंपनियां घाटे में चल रही हैं, बल्कि बड़ी और प्रमुख कंपनियां भी इस वित्तीय दबाव से बच नहीं पा रही हैं। इसका असर सीधे तौर पर शेयर बाजार पर पड़ा है, जहां निवेशक नकारात्मक संकेतों के कारण डर रहे हैं और यही कारण है कि बाजार में गिरावट देखी जा रही है।
घाटे वाली कंपनियों का कुल मार्केट वैल्यू
दिलचस्प बात यह है कि सितंबर तिमाही में घाटे में रहने वाली इन कंपनियों का कुल मार्केट कैप लगभग ₹11 लाख करोड़ है, जो भारतीय Stock Market के लिए एक बड़ा आंकड़ा है। ये कंपनियां आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भारत के शेयर बाजार के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं, और उनका प्रदर्शन शेयर बाजार पर सीधे असर डालता है। इसका मतलब है कि इन कंपनियों का नुकसान निवेशकों को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है, जिससे Market में अनिश्चितता और गिरावट का माहौल बन रहा है।
कंपनियों के घाटे के कारण
इन कंपनियों के घाटे के पीछे कई कारण हैं, जिनमें महंगाई का दबाव, ऑपरेशनल खर्चों में वृद्धि, सप्लाई चेन की समस्याएं, और कुछ सेक्टरों में गिरती मांग प्रमुख हैं। जैसे इंटरग्लोब एविएशन ने अपने घाटे का कारण महंगाई और विमानों की खड़ी स्थिति को बताया, वहीं सम्मान कैपिटल ने अपनी पहली तिमाही में घाटे का कारण कमजोर वित्तीय स्थिति और बढ़ते खर्चों को बताया। इसके अलावा, कुछ कंपनियों के लिए बाहरी कारक जैसे वैश्विक मंदी और मुद्रास्फीति भी इस नुकसान के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
तिमाही रिपोर्ट की समग्र तस्वीर
ACE इक्विटी की रिपोर्ट में सिर्फ उन कंपनियों का उल्लेख किया गया है, जिनका मार्केट कैप 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है और जिनकी तिमाही रेवेन्यू कम से कम ₹100 करोड़ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2021 से प्रत्येक तिमाही में औसतन लगभग 145 कंपनियां घाटे में रही हैं, जो इस बात का संकेत देती है कि भारतीय कंपनियों के लिए वित्तीय दबाव बढ़ रहा है।
इसके अलावा, रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि जिन कंपनियों ने तिमाही में घाटा दर्ज किया है, उनका कुल बाजार मूल्य अत्यधिक बड़ा है, जो भारतीय Stock Market की स्थिरता पर प्रभाव डाल रहा है। ऐसी परिस्थितियों में निवेशकों के लिए सही निर्णय लेना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव और अस्थिरता बनी रहती है।
Stock Market पर असर
इन कंपनियों के घाटे का सीधा असर भारतीय Stock Market पर पड़ा है, और इसके कारण Market में भारी गिरावट देखी जा रही है। जब कंपनियां घाटे में होती हैं, तो उनका स्टॉक मूल्य गिरता है, जो बाजार के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित करता है। सितंबर तिमाही के दौरान घाटे में रहने वाली कंपनियों के मार्केट कैप ने भारतीय बाजार के कुल मूल्य को प्रभावित किया है, और यही वजह है कि निवेशकों में चिंता और भय का माहौल है।
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