PM Modi ने दिल्ली के नारायणा में लोहड़ी पर्व समारोह में लिया हिस्सा
PM Modi ने 13 जनवरी 2025 को दिल्ली के नारायणा क्षेत्र में आयोजित लोहड़ी पर्व समारोह में भाग लिया। लोहड़ी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार ठंडे मौसम के बीच फसल कटाई के समय मनाया जाता है और खासतौर पर किसानों के लिए यह एक उत्सव का अवसर होता है। प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान लोहड़ी के महत्व को उजागर किया और इस पर्व के पीछे छिपी संस्कृति, परंपरा और किसानों के योगदान को सराहा।
लोहड़ी के महत्व पर प्रधानमंत्री का संदेश
PM Modi ने अपने संदेश में कहा कि लोहड़ी उत्तर भारत के लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। यह एक ऐसा पर्व है जो नए साल की शुरुआत, नई फसलों के स्वागत, और आशा की नवीनीकरण का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि लोहड़ी कृषि और मेहनती किसानों से जुड़ा हुआ है। यह पर्व न केवल कृषि के महत्व को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हमारी परंपराएं और संस्कृति कैसे समय-समय पर समाज में उत्साह और आनंद का संचार करती हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर एक पोस्ट भी साझा की, जिसमें उन्होंने लोहड़ी के पर्व का महत्त्व बताते हुए लिखा, “लोहड़ी के इस पर्व का कई लोगों के लिए विशेष महत्व है, खासकर उत्तर भारत में रहने वालों के लिए। यह नवीनता और आशा का प्रतीक है। यह कृषि और हमारे मेहनती किसानों से भी जुड़ा हुआ है।”
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ उपस्थित लोग
PM Modi ने समारोह में विभिन्न समुदायों के लोगों से मुलाकात की, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोग इस समारोह में भाग ले रहे थे, जिससे समाज में एकता और भाईचारे का संदेश मिलता है। समारोह में उपस्थित लोगों ने पारंपरिक ढंग से लोहड़ी की आग के चारों ओर परिक्रमा की और फसल की अच्छी पैदावार की कामना की। इस मौके पर PM Modi ने आयोजनकर्ताओं को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि इस तरह के आयोजन हमारे समाज में परंपराओं के जीवित रहने और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में मदद करते हैं।
लोहड़ी: कृषि और मेहनत का उत्सव
लोहड़ी का पर्व विशेष रूप से कृषि से जुड़ा हुआ है, और यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है। यह त्योहार फसल कटाई के बाद मनाया जाता है और किसानों की मेहनत का सम्मान करता है। लोहड़ी का संबंध सर्दी के मौसम से भी है, क्योंकि यह मकर संक्रांति से पहले मनाया जाता है, जब ठंड अपने चरम पर होती है। फसल कटाई और सर्दी के मौसम के इस मिलन को लेकर लोहड़ी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
लोहड़ी के दिन लोग आग जलाते हैं, जिसमें तिल, गुड़, मूंगफली, और रेवड़ी जैसी चीजें डाली जाती हैं, और आग के चारों ओर लोग नाचते-गाते हैं। यह एक तरह से अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि, और समृद्ध फसल की कामना करने का अवसर होता है। PM Modi ने इस पर्व के माध्यम से हमारे किसानों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त किया, जिनकी मेहनत से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
युवाओं और महिलाओं की भागीदारी
PM Modi ने इस समारोह में विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि लोहड़ी का यह पर्व न केवल परंपराओं को निभाने का अवसर होता है, बल्कि यह सामूहिक प्रयासों और समुदायों के साथ जुड़ने का भी एक तरीका है। PM Modi ने युवाओं से यह भी अपील की कि वे अपनी परंपराओं को समझे और आगे बढ़ाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह सांस्कृतिक धरोहर जीवित रहे।
लोहड़ी और सामाजिक समरसता का संदेश
लोहड़ी का पर्व समाज में समरसता, एकता और भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल कृषि के क्षेत्र में सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह विभिन्न समुदायों को जोड़ने का भी एक माध्यम बनता है। PM Modi ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के पर्वों के माध्यम से हम अपने समाज को मजबूत बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे उत्सवों से समाज में शांति और प्रेम बढ़ता है, और इससे हमारे पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को भी मजबूती मिलती है। PM Modi ने इस दौरान भारतीय समाज की विविधता को भी महत्व दिया और बताया कि यह विविधता ही हमारी ताकत है।
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