मकर संक्रांति के अवसर पर Mohan Yadav ने दीं शुभकामनाएं

Mohan Yadav

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने मकर संक्रांति और अन्य पर्वों पर दी शुभकामनाएं

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य के नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने विशेष रूप से सूर्योपासना के इस पावन पर्व को लेकर नागरिकों को शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में डॉ. यादव ने कहा, “सूर्योपासना के पावन पर्व मकर संक्रांति की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और उल्लास लेकर आए, भगवान सूर्यदेव आपको आरोग्यता और समृद्धि प्रदान करें।”

मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने अपने संदेश में मकर संक्रांति को न केवल एक धार्मिक पर्व के रूप में, बल्कि प्रकृति की पूजा और समाज में सकारात्मकता फैलाने वाले पर्व के रूप में भी देखा। उनका कहना था कि यह पर्व न केवल जीवन में सुख-समृद्धि लाने का प्रतीक है, बल्कि यह समाज के बीच प्रेम और एकता को भी प्रोत्साहित करता है।

सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक मकर संक्रांति
डॉ. Mohan Yadav ने आगे कहा, “माघ बिहू, भोगी, उत्तरायण और पोंगल पर्व भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विविधता के प्रतीक हैं। ये सभी पर्व हमारे देश की लोक संस्कृति से जुड़े हुए हैं और इनके आयोजन से समाज में खुशहाली और समृद्धि का वातावरण बनता है।” उन्होंने यह भी कहा कि ये पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाए जाते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य एक ही है — समाज में खुशी का संचार करना और एकता को बढ़ावा देना।

उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में यह भी लिखा कि मकर संक्रांति और अन्य पर्वों के माध्यम से लोगों के बीच समृद्धि और उल्लास का संचार होता है, जो समाज के कल्याण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। उन्होंने सभी नागरिकों के उत्तम स्वास्थ्य और कल्याण की कामना की।

मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ जुड़ा होता है और इसे विशेष रूप से सूर्योपासना और प्रकृति पूजा का पर्व माना जाता है। इस दिन को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे पोंगल, माघ बिहू और उत्तरायण। यह पर्व एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है और कृषि प्रधान देश के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नए मौसम की शुरुआत और फसल की कटाई का समय होता है।

मकर संक्रांति के दिन लोग तिल और गुड़ के साथ खिचड़ी का सेवन करते हैं, जिससे यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनता है। इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों और मित्रों से मिलकर शुभकामनाएं देते हैं और एक-दूसरे को तिल और गुड़ का दान करते हैं, जिससे एकता और भाईचारे का संदेश फैलता है।

Mohan Yadav के नेतृत्व में राज्य सरकार का प्रयास
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन को बढ़ावा दिया है, जो राज्य के नागरिकों को एकजुट करने का कार्य करते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर Mohan Yadav द्वारा दी गई शुभकामनाएं राज्य के नागरिकों को एक साथ लाने का एक और प्रयास हैं। राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों में नागरिकों की भलाई और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने पर हमेशा जोर दिया जाता है।

Mohan Yadav के संदेश में यह स्पष्ट होता है कि वे न केवल धार्मिक पर्वों के महत्व को समझते हैं, बल्कि उनका यह भी मानना है कि इन पर्वों के माध्यम से समाज में खुशहाली, स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा मिलता है। राज्य सरकार ने मकर संक्रांति जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की है।

राज्य मंत्रिमंडल और अन्य नेताओं की शुभकामनाएं
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav के अलावा राज्य मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों और विभिन्न राजनेताओं ने भी नागरिकों को मकर संक्रांति और अन्य पर्वों की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इन पर्वों को न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा माना, बल्कि समाज में एकता, भाईचारे और खुशहाली के प्रतीक के रूप में देखा। इन नेताओं ने यह भी आशा व्यक्त की कि यह पर्व राज्य के नागरिकों के जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लाएंगे।

मकर संक्रांति और समाज में सकारात्मक बदलाव
मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का संदेश केवल शुभकामनाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक प्रेरणा भी है। मकर संक्रांति जैसे त्योहारों के माध्यम से समाज में लोगों के बीच अच्छे रिश्तों और आपसी समझ को बढ़ावा मिलता है। इस दिन को मनाने का एक और उद्देश्य लोगों को अपनी सुख-समृद्धि की कामना करना और एक दूसरे के साथ खुशी बांटना है।

समाज में हर व्यक्ति को इस दिन यह अवसर मिलता है कि वह अपनी भलाई के लिए न केवल अपने परिवार बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी कामना करें। यही कारण है कि मकर संक्रांति का पर्व समाज में उत्साह, प्रेम और सहयोग का वातावरण बनाता है, जो हर किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।

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