Mahakumbh भगदड़ की न्यायिक जांच शुरू, आयोग करेगा स्थल निरीक्षण
प्रयागराज Mahakumbh में मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। इस घटना में कई श्रद्धालु घायल हुए थे, और इसके कारणों की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। आयोग शुक्रवार को मौके पर जाकर घटना के कारणों की पड़ताल करेगा और रिपोर्ट में सरकार को भविष्य के आयोजनों के लिए सुझाव देगा।
न्यायिक आयोग का गठन और कार्यवाही
मौनी अमावस्या के दिन, प्रयागराज के Mahakumbh मेले में हुई भगदड़ के कारण अनेक श्रद्धालु घायल हुए थे, जिसकी जांच के लिए सरकार ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व डीजी बीके गुप्ता और पूर्व आईएएस डीके सिंह को इस जांच का जिम्मा सौंपा गया है। आयोग ने शुक्रवार को घटना स्थल पर जाकर घटनास्थल की छानबीन करने की योजना बनाई है।
जांच आयोग के अध्यक्ष हर्ष कुमार ने बताया कि घटना के कारणों का पता लगाने के लिए आयोग कार्यवाही में तेजी से जुटा है। आयोग को अपनी रिपोर्ट एक महीने के भीतर सरकार को सौंपनी होगी, जिसमें न केवल घटना के कारणों का पता लगाया जाएगा, बल्कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर सुझाव भी दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री और प्रशासन की सक्रियता
Mahakumbh में हुई भगदड़ के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को तत्परता से राहत और व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने लगातार 48 घंटे तक स्थिति का जायजा लिया और प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और घायल श्रद्धालुओं से मुलाकात की। वे घायलों की स्थिति का जायजा लेने के बाद प्रशासनिक व्यवस्था का भी निरीक्षण किया।
मुख्य सचिव और डीजीपी ने संगम नोज पर हुए भगदड़ के स्थल का दौरा किया और घटनास्थल के पास स्थित अस्पतालों में जाकर घायल श्रद्धालुओं का हालचाल लिया। इसके अलावा, उन्होंने Mahakumbh के बेहतर संचालन के लिए विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए।
सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
Mahakumbh की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक आईएएस अधिकारी और चार पीसीएस अधिकारियों की तैनाती की है। ये अधिकारी 15 फरवरी तक प्रयागराज में रहकर मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे। अधिकारियों में खाद्य-रसद विभाग के विशेष सचिव अतुल सिंह, युवा कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार, कानपुर के एडीएम (नागरिक आपूर्ति) आशुतोष दुबे, हरदोई के एडीएम (न्यायिक) प्रफुल्ल त्रिपाठी और बस्ती के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) प्रतिपाल चौहान को तैनात किया गया है।
इसके अलावा, Mahakumbh के आयोजन के दौरान सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 18 पीपा पुल खोले गए हैं और मेला क्षेत्र में नो-व्हीकल जोन लागू कर दिया गया है। संगम नोज पर आने-जाने के मार्ग अलग कर दिए गए हैं, जिससे यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए मार्ग में कोई अवरोध न हो।
पीड़ितों के लिए राहत
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने Mahakumbh नगर पहुंचकर सबसे पहले झुंसी बस अड्डे और एरावत घाट का निरीक्षण किया। फिर वे उस स्थान पर पहुंचे जहां भगदड़ मची थी, यानी संगम नोज के खंभा नंबर 157 के पास। इस स्थान का निरीक्षण करने के बाद, दोनों अधिकारियों ने वहां के हालात का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। इसके बाद, दोनों अफसर केंद्रीय अस्पताल और स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में जाकर घायलों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा।
मुख्य सचिव और डीजीपी ने घायलों की चिकित्सा स्थिति का भी जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि उन्हें उचित इलाज मिल रहा है। इस मौके पर अधिकारियों ने राहत कार्यों की समीक्षा की और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने के लिए व्यवस्था सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया।
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