PM Modi ने रामसेतु कलश में तीन नदियों का जल भरकर PKC परियोजना का शुभारंभ किया

By Editor
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PM Modi

PM Modi ने पीकेसी परियोजना का शुभारंभ: राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए ऐतिहासिक सौगात

PM Modi ने आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजस्थान और मध्य प्रदेश को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी से नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत पार्वती, काली सिंध और चंबल नदियों का पानी रामसेतु कलश में भरकर पीकेसी परियोजना का शुभारंभ किया। यह परियोजना दोनों राज्यों में जल संकट को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

अटल जी का नदी जोड़ने का विजन

पीकेसी परियोजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की नदियों को जोड़ने की दूरदर्शिता का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि अटल जी ने इस योजना के लिए विशेष कमेटी बनाई थी, ताकि जिन नदियों में पानी की अधिकता है, उन नदियों का पानी सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंच सके। इसका मुख्य उद्देश्य बाढ़ और सूखे की समस्याओं का समाधान था। पीएम मोदी ने कहा, “अटल जी का यह विजन आज एक नए युग की शुरुआत कर रहा है, जिससे हमारे किसानों को लाभ मिलेगा और जल संकट से निजात मिलेगी।”

कांग्रेस और जल विवाद

PM Modi ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी पानी की समस्याओं का समाधान नहीं किया और राज्यों के बीच जल विवादों को ही बढ़ावा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार हमारी नदियों का पानी सीमा पार चला जाता था, लेकिन हमारे किसानों को इसका कोई फायदा नहीं होता था। मोदी ने कांग्रेस की नीतियों को आलोचना करते हुए इसे समाधान की बजाय समस्याओं का कारण बताया।

भजनलाल सरकार की सराहना

PM Modi ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि राजस्थान के विकास में भजनलाल और उनकी टीम का योगदान अहम रहा है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री भजनलाल ने राज्य के विकास को नई दिशा और गति दी है। यह सरकार का पहला साल नहीं, बल्कि राजस्थान के भविष्य की मजबूत नींव है।” PM Modi ने इस परियोजना को राजस्थान के समग्र विकास में एक अहम कदम बताया।

जल विवाद का समाधान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर PM Modi का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज का दिन विशेष रूप से पीएम मोदी के आशीर्वाद से साकार हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 साल पुराना जल विवाद, जो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका था, अब पीएम मोदी के प्रयासों से सुलझ गया है। डॉ. यादव ने इसे “आधुनिक युग के भागीरथ” का आशीर्वाद बताया और कहा कि यह परियोजना मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए ऐतिहासिक है।

70 हजार करोड़ की परियोजना

डॉ. यादव ने बताया कि यह परियोजना कुल 70 हजार करोड़ रुपये की है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा, “यदि केंद्र सरकार से यह मदद नहीं मिलती, तो हमें इतनी बड़ी राशि जुटाना संभव नहीं था।” प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह योजना दोनों राज्यों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।

17 दिसंबर को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस परियोजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 17 दिसंबर का दिन राजस्थान के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कई दशकों बाद पार्वती, काली सिंध और चंबल नदियों को जोड़ने के लिए MOU हुआ है और यह पीएम मोदी के आशीर्वाद से संभव हो पाया है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, जल शक्ति मंत्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

जल आपूर्ति और सिंचाई की सुविधा

PM Modi ने इस परियोजना के लाभों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राजस्थान के 21 जिलों में सवा तीन करोड़ लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही, ढाई लाख हेक्टेयर नए क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा होगी और डेढ़ लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई पानी की आपूर्ति होगी। इसके अलावा, इस क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी इस परियोजना का लाभ मिलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।

PM Modi का आभार

राजस्थान और मध्य प्रदेश के विकास को गति देने के लिए PM Modi का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और डॉ. मोहन यादव ने इस परियोजना को ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने, सूखा और बाढ़ की समस्याओं से राहत और किसानों की हालत सुधारने में मदद मिलेगी।

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