सत्ता गंवाने के डर से मानसिक संतुलन खो चुके हैं केजरीवाल: Sachdeva

By Editor
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Sachdeva का आरोप: सत्ता जाने के भय से मानसिक संतुलन खो चुके हैं केजरीवाल

भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष, Sachdeva, ने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा भाजपा के खिलाफ जारी किए गए पोस्ट को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। श्री Sachdeva ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल अब सत्ता खोने के डर से मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनाई दे रही है, जो उन्हें यह महसूस करवा रही है कि दिल्ली की सत्ता अब उनसे दूर हो रही है।

सत्ता के खोने का डर और मानसिक संतुलन

श्री Sachdeva ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली की सत्ता के प्रति अरविंद केजरीवाल की बेताबी अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केजरीवाल अब सत्ता खोने के डर से हर कदम पर तनाव उत्पन्न कर रहे हैं और दिल्ली का विकास रोकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को सत्ता से बाहर होने का इतना भय है कि वे मानसिक संतुलन खो चुके हैं और इसका असर उनकी राजनीति पर भी पड़ा है।

पूर्वांचल के लोगों को नकली वोटर बताना

Sachdeva ने केजरीवाल के हालिया बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने पूर्वांचल के लोगों को नकली वोटर बताया था। Sachdeva का कहना था कि यह बयान उनके अंदर छिपे हुए असली सच को उजागर करता है, जो पहले 2019 में सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान केवल राजनीति की घटिया रणनीति का हिस्सा है, ताकि दिल्ली की जनता को भ्रमित किया जा सके और उनके बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ाया जा सके।

केजरीवाल की राजनीतिक शख्सियत का अंत

भा.ज.पा. नेता ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक शख्सियत उस दिन समाप्त हो गई थी, जब उन्हें जेल से बेल मिली थी। Sachdeva ने कहा, “श्री केजरीवाल को जेल से बेल तो मिल गई, लेकिन उसी दिन से उनकी राजनीतिक शख्सियत खत्म हो गई।” उनका यह बयान यह दर्शाता है कि वे अब केजरीवाल को एक कमजोर और हताश नेता मानते हैं, जिनका कोई ठोस भविष्य नहीं है।

राजनीतिक नाटक और पोस्टर पर आपत्ति

Sachdeva ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का सत्ता के प्रति प्यार अब हताशा में बदल चुका है, जो उनकी राजनीति के नाटक में बदल गया है। वे प्रतिदिन भाजपा के खिलाफ आरोप लगाते हैं, लेकिन दिल्ली के विकास को रोकने में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कुर्सी की लालसा, जो केजरीवाल को सत्ता में बनाए रखने के लिए उत्पन्न हुई है, अब उनके व्यवहार में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

दिल्ली के सामुदायिक सौहार्द का बिगाड़ना

Sachdeva ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सत्ता खोने का बदला दिल्ली के लोगों से ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “केजरीवाल जी, आप भाजपा को कोस लीजिए, लेकिन कृपया दिल्ली में तनाव न फैलाइए। दिल्ली का विकास रोककर, खजाना लूटकर आपने काफी नुकसान किया है। अब दिल्ली का सामुदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश मत कीजिए।” Sachdeva का यह बयान दिल्ली में होने वाले संभावित राजनीतिक और सामाजिक तनाव को लेकर चिंता व्यक्त करता है।

पोस्टर विवाद और आपत्ति

सचदेवा ने आम आदमी पार्टी द्वारा जारी किए गए एक नए पोस्टर पर भी आपत्ति जताई, जिसमें जनता से यह पूछा गया था कि “दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए?” सचदेवा ने इस पोस्टर को ‘घटिया’ और ‘नैतिकता का उल्लंघन’ बताया। उन्होंने कहा, “श्री केजरीवाल, आपका आज का पोस्टर आपके चरित्र और आपकी हताशा को दर्शाता है। भाजपा इसकी निंदा करती है और यदि थोड़ी भी नैतिकता बची हो, तो इसे वापस लीजिए।”

केजरीवाल की राजनीतिक आत्महत्या

सचदेवा ने यह भी कहा कि 13 सितंबर को उच्चतम न्यायालय से सख्त शर्तों के साथ कागज़ी मुख्यमंत्री के रूप में जेल से बाहर आए केजरीवाल ने उसी दिन इस्तीफा नहीं देकर अपनी राजनीतिक आत्महत्या कर ली थी। उनका यह बयान यह दिखाता है कि वे केजरीवाल के निर्णयों और उनकी रणनीतियों को पूरी तरह से नकारते हैं और मानते हैं कि उनके द्वारा किए गए फैसले दिल्ली की राजनीति के लिए हानिकारक साबित हो रहे हैं।

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