राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टॉस्क फोर्स (AGTF) ने दुबई से गिरफ्तार किया आदित्य जैन उर्फ टोनी, लॉरेन्स-गोदारा गिरोह का सक्रिय सदस्य
राजस्थान के एंटी गैंगस्टर टॉस्क फोर्स (AGTF) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई से आदित्य जैन उर्फ टोनी को गिरफ्तार कर जयपुर लाया है। यह गिरफ्तारी लॉरेन्स विश्नोई और रोहित गोदारा गिरोह के सक्रिय सदस्य आदित्य जैन की आपराधिक गतिविधियों को उजागर करने के बाद की गई। पुलिस महानिदेशक (अपराध शाखा, AGTF) दिनेश एमएन ने इस गिरफ्तारी की जानकारी शुक्रवार को दी और बताया कि यह गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि आदित्य जैन ने विभिन्न अपराधों में शामिल होकर देश से भागकर दुबई में शरण ली थी।
आदित्य जैन की गिरफ्तारी और उसके आपराधिक इतिहास का विवरण
आदित्य जैन, जो राजस्थान के कुचामन शहर का निवासी है, एक कुख्यात अपराधी है और लॉरेन्स विश्नोई तथा रोहित गोदारा द्वारा चलाए जा रहे जबरन वसूली गिरोह का सक्रिय सदस्य है। उसके खिलाफ राजस्थान के विभिन्न जिलों में गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं, जिनमें अपहरण, बलात्कार, भयादोहन, जबरन वसूली, अवैध हथियार रखने और जेल में बंद अपराधियों को अवैध रूप से मोबाइल फोन तथा अन्य सामग्री उपलब्ध कराना शामिल है। इसके अलावा, आदित्य जैन ने कई अपराधों में अपना नाम बदलकर भी छल का सहारा लिया है।
दुबई से गिरफ्तारी की कहानी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आदित्य जैन ने अपराधों को अंजाम देने के बाद अचानक देश से गायब होने की योजना बनाई थी। उसकी विदेश भागने की जानकारी मिलने के बाद, AGTF ने जांच शुरू की और उसके पासपोर्ट और अन्य संबंधित जानकारी को प्राप्त कर उसके दुबई में होने की पुष्टि की। वहां से वह रोहित गोदारा और अन्य गिरोह के सदस्यों के साथ अवैध वसूली के लिए डब्बा कॉलिंग का काम कर रहा था। AGTF ने आदित्य की आपराधिक गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी और उसकी लोकेशन को ट्रैक किया।
सटीक सूचनाओं के आधार पर AGTF ने इंटरपोल और सीबीआई के माध्यम से दुबई स्थित अधिकारियों को उसकी लोकेशन भेजी। इसके बाद, यूएई द्वारा आरोपी आदित्य जैन को 24 मार्च 2025 को डिटेन कर भारत लाने के लिए सिक्योरिटी मिशन भेजा गया। 31 मार्च 2025 को AGTF की टीम दुबई पहुंची और उसे भारत लाकर जयपुर लाया। सीबीआई का भी इस ऑपरेशन में अहम योगदान रहा।
आदित्य जैन का दुबई में रहना और गिरोह की गतिविधियां
आदित्य जैन 2018 में चुरु जेल में बंद था, जहां उसकी मुलाकात बदमाश वीरेन्द्र चारण से हुई थी। इसके बाद उसने जनवरी 2024 में अपने पासपोर्ट पर दुबई जाने का फैसला किया और वहां पहुंचकर लॉरेन्स-गोदारा गिरोह के लिए डब्बा कॉलिंग शुरू कर दी। इसके अलावा, उसने दुबई में टूल एंड ट्रैवल्स का काम भी शुरू किया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने यह स्वीकार किया कि वह अपनी इच्छा से ही दुबई गया था और इसमें किसी अन्य का कोई हाथ नहीं था।
राजस्थान में अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति और AGTF का अहम कदम
राजस्थान में अपराधियों के विदेश भाग जाने की प्रवृत्ति 2022 में बढ़ी थी, जब पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों के बदमाश अपराध करने के बाद विदेश भाग जाते थे। हालांकि, राजस्थान में यह ट्रेंड जुलाई 2022 में शुरू हुआ था, जिससे पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई थी। AGTF ने इस चुनौती का सामना करते हुए तीन अपराधियों को विदेश से गिरफ्तार कर भारत लाया है और यह प्रयास जारी है कि बाकी अपराधियों को भी विदेश से वापस लाया जाए।
श्री एमएन ने बताया कि AGTF के गठन के बाद राज्य में बदमाशों की फायरिंग, जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों में कमी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि AGTF ने कई अपराधियों के गिरोह पर शिकंजा कसते हुए देश से बाहर भागे अपराधियों के खिलाफ इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस जारी किए हैं और उन अपराधियों को जल्द ही भारत लाने की प्रक्रिया जारी है।
इटली में बैठे बदमाश अमरजीत की गिरफ्तारी की योजना
इसके अलावा, पुलिस महानिदेशक ने यह भी बताया कि इटली में बैठे बदमाश अमरजीत को भी भारत लाने के लिए प्रयास जारी हैं। अमरजीत के खिलाफ भी रेड नोटिस जारी किया गया है, और उसे जल्द ही भारत लाकर कानून के हवाले किया जाएगा।
AGTF की महत्वपूर्ण भूमिका और भविष्य के प्रयास
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पुलिस अधिकारियों ने AGTF की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि यह बल अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत ताकत बनकर उभरा है और राज्य में अपराधों की घटनाओं में कमी लाने में सफल रहा है। AGTF का मुख्य उद्देश्य राज्य में अपराधियों की गतिविधियों पर काबू पाना, आपराधिक गिरोहों पर शिकंजा कसना और देश-विदेश से अपराधियों को पकड़कर कानून के हवाले करना है।
पुलिस ने यह भी कहा कि AGTF के गठन के बाद अपराधियों के गिरोह के खिलाफ कार्रवाई और तेज हुई है, और वे जो बदमाश देश के बाहर हैं, उन्हें जल्द ही भारत लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
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