Maharashtra मंत्री का इस्तीफा: सरपंच हत्या केस में नया मोड़

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Maharashtra मंत्री धनंजय मुंडे का इस्तीफा: विवादों के घेरे में मंत्री का पद

Maharashtra के मंत्री धनंजय मुंडे ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राज्य की राजनीति में एक नया तूफान आ गया है। उनका इस्तीफा बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले से जुड़ी घटनाओं के कारण हुआ, जिसमें उनके करीबी सहयोगी का नाम सामने आया।

इस घटनाक्रम ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर विपक्षी दलों तक सभी को एकजुट कर दिया। राजनीतिक गलियारों में मंत्री के इस्तीफे को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं, और अब यह सवाल उठ रहा है कि उनकी यह स्थिति राज्य की सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष दोनों के लिए क्या मायने रखती है।

विवादों में घिरे धनंजय मुंडे

Maharashtra: धनंजय मुंडे, जो राज्य में एनसीपी के वरिष्ठ नेता हैं और फूड एंड सिविल सप्लाई मंत्री थे, पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा में एक ओर बड़ा विवाद तब सामने आया जब उनकी पहली पत्नी करुणा शर्मा मुंडे ने 2020 में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। इससे पहले भी उनकी निजी जीवन से जुड़े मुद्दे और उनकी करीबी रिश्तों के कारण राजनीतिक क्षेत्र में तनाव बढ़ा था।

इस बार मामला और गंभीर हो गया जब बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में उनके करीबी सहयोगी वाल्मीकि कराड का नाम सामने आया। इस हत्याकांड को लेकर विभिन्न आरोपों ने मंत्री को परेशान कर दिया और अंततः उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया।

मुख्यमंत्री फडणवीस का दबाव

Maharashtra के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धनंजय मुंडे से इस्तीफा देने के लिए सीधे तौर पर कहा था। पार्टी और राज्य सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच, मंगलवार को धनंजय मुंडे ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री के पास सौंप दिया। यह इस्तीफा उस समय हुआ जब सोशल मीडिया पर सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के साथ जुड़े फोटो वायरल होने लगे थे, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया था।

Maharashtra: मुख्यमंत्री ने इस इस्तीफे को स्वीकार कर लिया, जिससे एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि राज्य की सत्ताधारी सरकार विपक्षी दलों के दबाव में आने को तैयार नहीं है, भले ही मामला कितना ही गंभीर क्यों न हो। मुख्यमंत्री फडणवीस की इस स्थिति में यह फैसला राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।

करुणा मुंडे का दावा और इस्तीफे का कारण

Maharashtra: धनंजय मुंडे की पहली पत्नी करुणा मुंडे ने इस्तीफे को लेकर पहले ही दावा कर दिया था कि मंत्री सोमवार को बजट सत्र से पहले इस्तीफा दे देंगे। उनका यह दावा सही साबित हुआ जब मंत्री ने मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया। करुणा ने यह भी कहा था कि उनका इस्तीफा पहले ही लिया जा चुका था, लेकिन इस बात की पुष्टि किसी ने भी नहीं की थी। इसके अलावा, उनके स्वास्थ्य के कारण इस्तीफे के मुद्दे को लेकर भी चर्चा होती रही, क्योंकि धनंजय मुंडे बेल्स पाल्सी नामक बीमारी से जूझ रहे हैं, जिससे उन्हें बोलने में परेशानी हो रही है।

राजनीतिक दबाव और इस्तीफे की पृष्ठभूमि

Maharashtra में इस इस्तीफे की पृष्ठभूमि पर गौर करें तो यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में मंत्री मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीकि कराड के नाम आने के बाद यह मामला और ज्यादा तूल पकड़ा। इस पर राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार के घर हुई बैठक में तय हुआ था कि मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।

अजित पवार के करीबी सहयोगी धनंजय मुंडे को लेकर इस मुद्दे ने पार्टी के अंदर और बाहर एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया। विपक्षी दलों ने इसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश की और सरकार पर इस्तीफा लेने का दबाव बढ़ा दिया। इससे पहले भी मुंडे कई विवादों में घिर चुके थे, जैसे कि कृषि विभाग में 73.36 करोड़ रुपये के गबन का आरोप और उनके परिवार से जुड़े विवाद।

घरेलू हिंसा का मामला और विवादित जीवन

Maharashtra: धनंजय मुंडे के जीवन में एक और गंभीर विवाद उनकी पत्नी करुणा शर्मा के साथ था, जिन्होंने 2020 में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया था। इसके बाद बांद्रा फैमिली कोर्ट ने फरवरी 2025 में एक आदेश जारी किया था जिसमें मुंडे को करुणा को 1.25 लाख रुपये प्रति माह और उनकी बेटी को 75,000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। हालांकि, धनंजय मुंडे ने इस आदेश को चुनौती दी थी, और दावा किया था कि वह करुणा से कभी शादी नहीं किए थे, इस कारण यह आदेश अनुचित था।

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